जवाहर सरकार के पत्र पर घमासान, BJP का TMC पर हमला- पार्टी का भष्ट्राचार, तानाशाही उजागर

बीजेपी ने कहा कि टीएमसी सांसद जवाहर सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर गंदगी, भ्रष्टाचार और तानाशाही रवैये को उजागर कर दिया है.

Update: 2024-09-08 16:46 GMT

BJP attack TMC and Mamata Banerjee: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को तीखा हमला करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद जवाहर सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर गंदगी, भ्रष्टाचार और तानाशाही रवैये को उजागर कर दिया है.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि सरकार के पत्र से संकेत मिलता है कि पश्चिम बंगाल में हर संस्थान ममता बनर्जी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार से ग्रसित हो गया है. उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद जवाहर सरकार का पत्र टीएमसी के भीतर गंदगी, भ्रष्टाचार और तानाशाही रवैये को उजागर करता है. टीएमसी का मतलब है 'बहुत अधिक भ्रष्टाचार'.

पूनावाला ने यह भी कहा कि बनर्जी को लिखे गए टीएमसी सांसद के पत्र से यह भी पता चलता है कि कोलकाता में मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या मामले में उनकी सरकार की प्राथमिकता बेटी के लिए न्याय नहीं थी. यह एक संस्थागत कवर-अप था. उन्होंने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि उनके खिलाफ पूरी तरह से अविश्वास है. क्योंकि घटना के खिलाफ आंदोलन एक जन आंदोलन है. फिर भी टीएमसी नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को गाली दी और उन्हें धमकाया.

पूनावाला ने पूछा कि एकमात्र सवाल यह है कि ममता बनर्जी कैसे पद पर बनी रह सकती हैं? क्या उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए? उन्होंने आगे कहा कि इस्तीफा देने के बजाय, वह सीपी कोलकाता, संदीप घोष और अन्य को बचा रही हैं. क्यों?"

वहीं, कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता ने यह भी जानना चाहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा इस मामले पर अभी भी चुप क्यों हैं. क्या वे पीड़िता के माता-पिता से मिलने नहीं जाएंगे? पूनावाला ने कहा कि माता-पिता के बयान और अन्य सबूतों से यह स्पष्ट है कि टीएमसी के शीर्ष नेताओं के इशारे पर (मामले में) बहुत बड़ा कवर अप किया गया था.

जवाहर सरकार का ममता बनर्जी को पत्र

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार सेवानिवृत्त नौकरशाह हैं. उन्होंने पार्टी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रविवार को पत्र लिखकर कहा कि वे संसद से इस्तीफा देने जा रहे हैं और राजनीति भी छोड़ देंगे. क्योंकि वे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार ने 9 अगस्त को कोलकाता के एक अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ जन आक्रोश को बढ़ावा दिया है. अपने पत्र में सरकार ने पूर्व शिक्षा मंत्री से जुड़े घोटाले के बाद राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार से निपटने के तरीके से मोहभंग व्यक्त किया.

सरकार ने लिखा कि मेरा विश्वास करें, वर्तमान में लोगों का गुस्सा कुछ खास लोगों और भ्रष्ट लोगों के इस अनियंत्रित दबंग रवैये के खिलाफ है. अपने पूरे कार्यकाल में मैंने सरकार के खिलाफ ऐसा गुस्सा और पूर्ण अविश्वास नहीं देखा, भले ही वह कुछ सही या तथ्यात्मक बात कहती हो. आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद से मैं एक महीने तक धैर्यपूर्वक पीड़ित रहा हूं और ममता बनर्जी की पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ आपके सीधे हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहा था. ऐसा नहीं हुआ है और सरकार अब जो भी दंडात्मक कदम उठा रही है, वह बहुत कम है और काफी देर से उठाया गया है. मुझे लगता है कि इस राज्य में सामान्य स्थिति बहुत पहले ही बहाल हो जाती, अगर भ्रष्ट डॉक्टरों के गुट को ध्वस्त कर दिया जाता और अनुचित प्रशासनिक कार्रवाई करने वालों को इस निंदनीय घटना के तुरंत बाद दंडित किया जाता.

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