सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, राष्ट्रपति को 'बेचारी' कहने पर BJP हमलावर
Sonia Gandhi: बीजेपी सांसदों ने आग्रह किया कि इस गंभीर मामले का संज्ञान लिया जाए और सोनिया गांधी के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.;
privilege motion against Sonia Gandhi: सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इस मामले में कांग्रेस नेता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि बीजेपी (BJP) के सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege Motion) दायर किया. यह कार्रवाई सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर दिए गए "बेचारी" (poor thing) टिप्पणी के कारण की गई.
क्या है विवाद?
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने 31 जनवरी को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को "बेचारी" कहकर संबोधित किया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया. इसके बाद बीजेपी (BJP) सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नेतृत्व में कई भाजपा (BJP) सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की. उन्होंने तर्क दिया कि यह टिप्पणी राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाती है.
बीजेपी सांसदों का आरोप
राज्यसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में बीजेपी (BJP) सांसदों ने कहा कि हम इस पत्र के माध्यम से गहरी निराशा व्यक्त करते हैं कि राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने भारत की माननीय राष्ट्रपति के खिलाफ अशोभनीय, अपमानजनक और अवमाननापूर्ण टिप्पणी की है. यह मामला गंभीर विचार और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करता है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की टिप्पणी एक स्पष्ट रूप से अभिजात्य और आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाती है. ऐसा लगता है कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) अब तक आदिवासी गरीबों के संघर्ष और उनकी संवेदनशीलता को समझ नहीं पाई हैं.
सांसदों ने आग्रह किया कि इस गंभीर मामले का संज्ञान लिया जाए और सोनिया गांधी के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. बीजेपी (BJP) ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई न केवल संसदीय मर्यादा को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थानों की गरिमा और परस्पर सम्मान की भावना को भी मजबूत करेगी.
सोनिया गांधी ने क्या कहा था?
31 जनवरी को बजट सत्र की शुरुआत के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग एक घंटे लंबा भाषण दिया. सत्र समाप्त होने के बाद, जब सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से पत्रकारों ने राष्ट्रपति के भाषण पर प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अंत तक बहुत थकी हुई लग रही थीं. वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, 'बेचारी'. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की यह टिप्पणी कैमरों में कैद हो गई और इसके बाद बीजेपी नेताओं ने इसकी कड़ी आलोचना की.
पीएम मोदी का पलटवार
दिल्ली के द्वारका में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी परिवार से आई हैं. उन्होंने आज संसद में शानदार भाषण दिया और प्रेरित किया. लेकिन कांग्रेस के राजघराने ने उनका अपमान करना शुरू कर दिया. वहीं, राष्ट्रपति भवन ने भी इस बयान की निंदा की और कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू थकी नहीं थीं.
कांग्रेस का बचाव
इस विवाद पर प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का बचाव किया और कहा कि मेरी मां 78 साल की हैं. उन्होंने केवल इतना कहा कि राष्ट्रपति ने इतना लंबा भाषण पढ़ा होगा, वह थक गई होंगी, बेचारी. वह पूरी तरह से राष्ट्रपति का सम्मान करती हैं. लेकिन बीजेपी एक निर्दोष टिप्पणी को जबरदस्ती मोड़ने की कोशिश कर रही है.