तिरंगा यात्रा बनाम जय हिंद रैली, बीजेपी-कांग्रेस क्यों हैं आमने सामने

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीजेपी तिरंगा यात्रा के जरिए सेना के शौर्य को बता रही है तो वहीं कांग्रेस ने भी जय हिंद रैली करने का फैसला किया है।;

Update: 2025-05-15 04:02 GMT
बीजेपी की तिरंगा यात्रा का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने जय हिंद रैली का फैसला किया है। कांग्रेस का कहना है कि कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब पीएम मोदी को देने की जरूरत है। फोटो सौजन्य-पीटीआई

BJP Tiranga Yatra vs Congress Jai Hind Rally:  भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद कांग्रेस को यह आशंका है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंक के खिलाफ सख्त छवि को इसका राजनीतिक लाभ मिल सकता है। ऐसे में पार्टी अब सरकार पर हमला तेज करने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने 10 मई को अचानक संघर्षविराम मानकर भारत की जवाबी कार्रवाई रोक दी, जिसके पीछे कई सवाल अनुत्तरित हैं।

जय हिंद सभाओं को मिला नया उद्देश्य

14 मई को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की एक अनौपचारिक बैठक हुई, जिसमें पार्टी ने अपने जय हिंद सम्मेलनों और रैलियों की रणनीति को पुनर्परिभाषित करने का निर्णय लिया। पहले ये सभाएं ऑपरेशन सिंदूर और सेना के समर्थन में आयोजित हो रही थीं, लेकिन अब इनका उद्देश्य प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की संप्रभुता से जुड़े सवाल पूछना होगा।

ट्रंप के दावों से बढ़ी चिंता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई शाम 5 बजे से संघर्षविराम लागू हुआ है, जिसे उन्होंने व्यापारिक दबाव के माध्यम से हासिल किया। कांग्रेस का कहना है कि इस दावे पर भारत सरकार की चुप्पी “अस्वीकार्य” है और यह मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलता दर्शाती है।कांग्रेस का आरोप है कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान को एक ही श्रेणी में रखकर कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अंतरराष्ट्रीय रूप से वैधता देने की कोशिश की है, जो भारत की दशकों पुरानी नीति के खिलाफ है।

'सवालों के जवाब दें प्रधानमंत्री'

कांग्रेस ने यह भी कहा कि पहल्गाम नरसंहार की घटनाओं और सुरक्षा चूकों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से ढकने की कोशिश हो रही है। पार्टी का मानना है कि यदि केंद्र सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था पहले से की होती, तो इस नरसंहार को टाला जा सकता था।

पार्टी के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, पूरे देश ने देखा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद तीन दिनों तक हमारी सेना पाकिस्तान पर हावी थी, फिर अचानक उन्हें पीछे हटने का आदेश क्यों दिया गया? प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि किन दबावों में यह निर्णय लिया गया? खेड़ा ने आगे कहा कि ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने भारत को व्यापार रोकने की धमकी दी थी। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। “क्या भारत की सुरक्षा और संप्रभुता से ज्यादा व्यापार को महत्व दिया गया?” खेड़ा ने सवाल किया।

संसद का विशेष सत्र और सर्वदलीय बैठक की मांग

कांग्रेस बार-बार प्रधानमंत्री से यह मांग कर रही है कि वे इस पूरे घटनाक्रम पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं और संसद का विशेष सत्र आयोजित करें। पार्टी का मानना है कि सिर्फ भाजपा के मुख्यमंत्री को 25 मई को बैठक में बुलाकर ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि “यह सरकार सेना के पीछे छिपकर राजनीति करना चाहती है। कांग्रेस बार-बार कह रही है कि अगर आप पारदर्शी हैं, तो सभी दलों को विश्वास में लें और स्पष्ट करें कि पाकिस्तान से किस आधार पर युद्धविराम स्वीकार किया गया।”

'क्या पाक ने आतंकियों को सौंपने का वादा किया?'

खेड़ा ने यह भी पूछा कि क्या पाकिस्तान ने यह आश्वासन दिया है कि वह पहल्गाम हमले में शामिल आतंकियों को भारत को सौंपेगा? और क्या अतीत में भारत पर हमले करने के बाद पाकिस्तान में पनाह लेने वाले आतंकियों को भी भारत को सौंपने का कोई वादा हुआ है?कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि ये तमाम सवाल उसके "जय हिंद" कार्यक्रमों और रैलियों के मंच से लगातार उठाए जाएंगे, ताकि सरकार जवाबदेह बन सके और देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर पारदर्शिता बनी रहे।

Tags:    

Similar News