आकाश मिसाइल और देसी सिस्टम बने भारत की ढाल, 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बोले CDS

जनरल चौहान के इन बयानों से यह साफ है कि भारत अब सिर्फ ताकत पर नहीं, बल्कि रणनीति, तकनीक और संचार के संतुलन पर ध्यान दे रहा है। ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को भारत की नई सैन्य सोच और आत्मनिर्भरता की झलक दी है।;

Update: 2025-05-31 18:15 GMT

सिंगापुर के शंगरी-ला डायलॉग में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने पहली बार 'ऑपरेशन सिंदूर' पर खुलकर बात की। उन्होंने भारत की सैन्य रणनीति, तकनीकी आत्मनिर्भरता और पाकिस्तान को लेकर नीति पर विस्तार से जानकारी दी। सीडीएस ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक ऐसा युद्ध था, जिसमें दुश्मन से आमने-सामने टकराव नहीं हुआ। इसमें सैटेलाइट, साइबर और मिसाइल जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने इसे भविष्य के युद्धों का प्रारूप बताया।

पाकिस्तान पर भारत की रणनीति साफ

जनरल चौहान ने कहा कि कुछ लोग भारत की पाकिस्तान नीति को "लक्ष्यहीन" मानते हैं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि आजादी के समय पाकिस्तान कुछ मामलों में हमसे आगे था। लेकिन आज भारत आर्थिक, सामाजिक और विकास के हर मोर्चे पर आगे है। जब कूटनीतिक बातचीत का कोई असर नहीं हो तो रणनीतिक दूरी अपनाना भी एक समझदारी भरा जवाब होता है।

तीन दिन में भारत की मजबूत प्रतिक्रिया

सीडीएस ने कहा कि युद्ध में नुकसान तो होता ही है। लेकिन तेजी से और समझदारी से प्रतिक्रिया देना सबसे अहम होता है। भारत ने तीन दिन में जवाबी कार्रवाई की और हालात को बढ़ने नहीं दिया। लंबे समय तक सैन्य तैनाती से देश के विकास में बाधा आती है, जिसे हम नहीं चाहते।

स्वदेशी ताकत

जनरल चौहान ने बताया कि पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को ‘आकाश मिसाइल सिस्टम’ ने सफलतापूर्वक रोका। हमने विदेशों से सिस्टम खरीदे बिना ही अपना एयर डिफेंस नेटवर्क तैयार किया, जो पूरे देश में सक्रिय है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 15% समय अफवाहों और फर्जी खबरों से निपटने में चला गया। हमने सोच-समझकर शांत रहने की रणनीति अपनाई। शुरुआत में दो महिला अधिकारी मीडिया को जानकारी देती थीं और 10 मई के बाद सैन्य अधिकारी प्रेस से सीधे बात करने लगे।

परमाणु युद्ध का कोई खतरा नहीं

सीडीएस ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने पूरे संकट में शांत और साफ नीति अपनाई। उन्होंने कहा कि बिना घोषित युद्ध में परमाणु हथियारों का उपयोग तर्कहीन होता है। ऑटोमैटिक हथियारों और रोबोट्स के इस्तेमाल से युद्ध में इंसानों की जान कम जाती है। लेकिन इससे फैसले और भी आक्रामक हो सकते हैं। यह नैतिक और रणनीतिक चुनौती है।

समुद्र बन रहा है भारत का रणनीतिक रास्ता

उन्होंने कहा कि भारत एक भूपरिवेष्ठित राष्ट्र होते हुए भी द्वीपीय रणनीति अपनाता है। उत्तर में चीन और पूर्व में म्यांमार की वजह से सीमितता है। इसलिए भारत अब दक्षिण की ओर अपने समुद्री हितों पर ध्यान दे रहा है। सीडीएस ने कहा कि कुछ सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स पर साइबर हमले जरूर हुए। लेकिन भारतीय सेना की मुख्य प्रणालियां इंटरनेट से कटी होती हैं, जिससे वो सुरक्षित रहीं।

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