अगर व्हाट्सएप पर आ जाए चाइल्ड पोर्नोग्राफी क्लिप तो क्या आप बन जायेंगे अपराधी?

सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर काफी व्यापक और सख्त नियम लागु करने की बात कही है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना डाउनलोड करना भी अपराध माना जाएगा.

Update: 2024-09-23 11:38 GMT

Child Pornography: सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर आज एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. इसके तहत अगर कोई व्यक्ति चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखता है, डाउनलोड करता है, फॉरवर्ड करता है और उसे अपनी डिवाइस में सेव करके रखता है तो वो अपराधी माना जाएगा. उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. लेकिन डाउनलोड करने की बात के बाद से सवाल ये उठता है कि अगर किसी ने व्हाट्सएप्प पर किसी को चाइल्डपोर्नोग्राफी का विडियो या क्लिप भेजा और दूसरे व्यक्ति ने उस फाइल को डाउनलोड कर लिया तो क्या वो भी अपराधी माना जाएगा? क्या उसके खिलाफ भी क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी?

इस सवाल पर अधिवक्ता रवि दराल का कहना है कि व्हाट्सएप पर आई ऐसी किसी फाइल को डाउनलोड करने भर से कोई अपराधी नहीं माना जाएगा. ऐसे में ये देखना जरुरी है कि जिस व्यक्ति ने वो विडियो डाउनलोड किया उसकी नियत कैसी थी? क्या उसे इस बात की जानकारी थी कि जो फाइल वो डाउनलोड करने जा रहा है, उसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी है? क्या उस फाइल को डाउनलोड करने के बाद वो व्यक्ति किसी को आगे भी उसे फॉरवर्ड करता है? क्या उसे अपने फ़ोन से डिलीट नहीं करता है और उसे देखता है? व्हाट्सएप में ऐसे भी फीचर हैं, जिनके तहत आपके पास आने वाली विडियो या फोटो ऑटोमाटिक डाउनलोड हो जाती है. इसलिए आपकी नियत भी इस बात को तय करती है कि ये अपराध है या नहीं.
इन सब तकनिकी पहलुओं की जांच के बगैर किसी को अपराधी मानना सही नहीं है.

अगर व्हाट्सएप पर आ जाये ऐसा विडियो तो क्या करें
अगर आपके मोबाइल पर बच्चों के साथ यौन शोषण से जुड़ा कोई वीडियो आता है या फिर आप से ही अनजाने में ऐसा कोई वीडियो डाउनलोड हो जाता है तो तुरंत उसे डिलीट किया जाए. साथ इस सन्दर्भ में पुलिस को भी सूचित किया जाए. अगर आप ऐसे वीडियो को अपने पास रखे रहते हैं या फिर उसे चोरी छुपे देखते हैं तो ये अपराध की श्रेणी में आएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है, समझें
चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ़ कहा है कि यदि कोई भी व्यक्ति बच्चों के यौन अपराध से जुड़ी सामग्री को डाउनलोड करके अपने पास रखता है तो वो तो अपराध है ही और उसे देखना भी अपराध है. यानि अगर आप वीडियो को डिलीट नहीं कर रहे हैं और आपके पास वीडियो है, तो ये माना जाएगा कि आपका मकसद इसे आगे भेजने का है (भले ही आप वास्तव में ऐसा न करें).

SC ने जारी किए दिशा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पॉक्सो कानून के तहत अपराध की परिभाषा को विस्तार देते हुए देश की संसद को सुझाव दिया है कि "चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी" शब्द को "Child Sexual Exploitative and Abuse Material" से बदला जाए. इसके अलावा देश की सभी अदालतों को "चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी" शब्द का इस्तेमाल न करने का निर्देश भी जारी किया है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से ये भी कहा है कि वो बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलो में जागरूकता फैलाने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन भी करे.



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