इन 3 ऐप से चुराई गई सेना की गोपनीय जानकारी, PAK जासूस ने ब्रह्मोस इंजीनियर को भेजे थे लिंक

नागपुर सेशन कोर्ट ने ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल उम्रकैद की सजा सुनाई थी. उसको सेना से जुड़े राज पाकिस्तान को लीक करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था.

Update: 2024-06-17 17:48 GMT

BrahMos Aerospace Scientist: नागपुर सेशन कोर्ट ने 3 जून को ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल उम्रकैद की सजा सुनाई थी. ब्रह्मोस मिसाइल के पूर्व वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को सेना से जुड़े राज पाकिस्तान को लीक करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था. जांच अधिकारी के बयान से पता चला है कि पाकिस्तानी जासूस के निर्देश पर अग्रवाल ने उसके द्वारा भेजे गए तीन ऐप इंस्टॉल किए. जिन्होंने निशांत के लैपटॉप से ​​डेटा चुराया, जिसमें गोपनीय जानकारी थी.

बता दें कि निशांत नागपुर में मिसाइल असेंबली यूनिट में काम करता था. पुरस्कार विजेता मिसाइल इंजीनियर निशांत को सेशन कोर्ट ने आईपीसी की धारा 235 के तहत दोषी ठहराया था. उन्हें विदेशी ताकतों को हथियारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी लीक करने के लिए आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों का दोषी पाया गया था.

यूपी-एटीएस जांच अधिकारी पंकज अवस्थी ने निशांत के मुकदमे के दौरान अपने बयान में कहा कि 'सेजल' नाम की एक महिला ने पाकिस्तान से फेसबुक अकाउंट बनाया था. इसके जरिए वह पाकिस्तानी गुर्गों और अपने भारतीय टारगेट से चैट करती थी. अवस्थी ने अदालत को बताया कि सेजल के निर्देश पर अग्रवाल ने उसके द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक किया और साल 2017 में अपने निजी लैपटॉप पर तीन ऐप इंस्टॉल किए.

ये ऐप किए इंस्टॉल

ये ऐप क्यूविस्पर, चैट टू हायर और एक्स-ट्रस्ट थे. ये तीनों ऐप मैलवेयर थे, जिन्होंने निशांत के लैपटॉप से ​​डेटा चुराया, जिसमें गोपनीय जानकारी थी. जांच में दावा किया गया है कि ब्रह्मोस मिसाइल से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज उनके निजी कंप्यूटर पर पाए गए, जो बीएपीएल के सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन था. कहा जाता है कि निशांत ने लिंक्ड-इन पर भी सेजल के साथ चैट की थी, जहां उसने कथित तौर पर यूके की हेज़ एविएशन में एक रिक्रूटर के रूप में उसे काम पर रखने में रुचि दिखाई थी.

ऐसे हुई गिरफ्तारी

निशांत को अक्टूबर 2018 में मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) और उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के संयुक्त अभियान के जरिए गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के सैन्य औद्योगिक कंसोर्टियम (एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया) के बीच एक सहयोगी उद्यम है.

Tags:    

Similar News