‘माइलस्टोन नहीं, मिलस्टोन है मोदी राज’, कांग्रेस का करारा वार

कांग्रेस ने पीएम मोदी को 11 साल के कार्यकाल पर पहली बिना स्क्रिप्ट प्रेस कॉन्फ्रेंस की चुनौती दी। सवाल उठाया। क्या अब भी चाटुकारों की तलाश जारी है?;

Update: 2025-06-09 07:42 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल के पूर्ण होने पर कांग्रेस ने सोमवार को एक बार फिर चुनौती दी है। कांग्रेस ने पीएम मोदी से पहली बार "बिना स्क्रिप्ट, बिना संपादन" (Unscripted, Undoctored) प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की मांग की है। साथ ही यह सवाल भी उठाया कि आखिर प्रधानमंत्री मीडिया से लगातार दूर क्यों भाग रहे हैं — क्या सवालों-जवाबों की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है, या फिर उनकी चापलूसी करने वाले सवाल पूछने वालों की तलाश चल रही है?

कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "आज बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को दोपहर 12 बजे प्रेस से बात करने के लिए मैदान में उतारा गया है ताकि 11 साल का ‘माइलस्टोन’ नहीं बल्कि ‘मिलस्टोन’ (बोझ) बताया जा सके। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा तो फिर प्रधानमंत्री अब भी प्रेस से क्यों भाग रहे हैं? क्या सवाल-जवाबों की तैयारी में समय लग रहा है? या चाटुकारिता के साथ सवाल पूछने वालों की तलाश हो रही है? या भारत मंडपम अब तक पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है?”बीजेपी या सरकार की तरफ से इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

मोदी की सभी मीडिया बातचीत ‘स्क्रिप्टेड’

 कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर ‘स्क्रिप्टेड मीडिया इंटरेक्शन’ का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके पूर्ववर्तियों के विपरीत, मोदी में बिना तैयारी के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का साहस नहीं है।एक्स पर पोस्ट करते हुए जयराम रमेश ने कहा,दुनियाभर के नेता समय-समय पर खुलकर संवाद करते हैं, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने 11 साल में एक भी बिना स्क्रिप्ट प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की।”

उन्होंने कहा, पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने अपने मीडिया इंटरैक्शन खुद प्रोड्यूस, डायरेक्ट और स्क्रिप्ट किएइन्हीं में एक बार उन्होंने खुद को 'नॉन-बायोलॉजिकल' भी बताया था। लेकिन उन्होंने कभी भी बिना संपादन के मीडिया से सवाल-जवाब नहीं किया। रमेश ने आगे कहा कि यह उनके सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के व्यवहार से बिल्कुल अलग है। उनके नापसंद रहे पूर्व प्रधानमंत्री हर दूसरे महीने प्रेस से रूबरू होते थे, जहां उन्हें तीखे सवालों का सामना करना पड़ता था और वे धैर्य से जवाब देते थे। इसी से हमारे लोकतंत्र की नींव मजबूत हुई।

2014 से अब तक मीडिया से दूरी पर लगातार सवाल

कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाती रही है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से उन्होंने कभी भी मीडिया के सामने खुलकर संवाद नहीं किया। पार्टी का कहना है कि लोकतंत्र में यह रवैया न सिर्फ अस्वस्थ है, बल्कि जवाबदेही से बचने का एक तरीका है।

Tags:    

Similar News