गौरव गोगोई ने सरकार ने पूछा, पहलगांव में आतंकी कैसे आए? अगर राफेल गिरा तो क्यों नहीं दी जानकारी

गौरव गोगोई ने लोकसभा में कांग्रेस की ओर से चर्चा की शुरुआत की और सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा, राजनाथ सिंह ने संसद में बहुत सी जानकारी दी, लेकिन इस पर चुप्पी साधी कि पहलगाम में आतंकी कैसे घुसे.;

Update: 2025-07-28 12:10 GMT
लोकसभा में गौरव गोगोई

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. लेकिन रक्षा मंत्री के भाषण के बाद कांग्रेस की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए जोरहाट से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पहलगांव आतंकी हमले को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया.

उन्होंने सरकार से सवाल किया, पहलगांव के बैसरन में आतंकवादी कैसे आए जिन्होंने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहलगाम नहीं जाने को लेकर भी गोगोई ने निशाना साधते हुए कहा, पीएम मोदी सऊदी अरब से लौटे लेकिन पहलगांव नहीं गए. वे बिहार के मधुबनी गए जहां उन्होंने चुनावी भाषण दिया. गौरव गोगोई ने कहा, पहलगांव कोई गया तो नेता विपक्ष राहुल गांधी गए.

गौरव गोगोई ने कहा, राजनाथ सिंह ने संसद में बहुत सी जानकारी दी, लेकिन इस पर चुप्पी साधी कि पहलगाम में आतंकी कैसे घुसे, और कैसे बैसरन में पांच आतंकियों ने 26 नागरिकों को गोली से भून दिया. उन्होंने कहा इसे आज की सूचना युद्ध (information war) करार देते हुए कहा कि राष्ट्रहित में सवाल पूछना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, पूरा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा था जब पाकिस्तान को जवाब देने की जरूरत थी. लेकिन देश अब जानना चाहता है कि 100 दिन बीत जाने के बाद भी दोषी पकड़े क्यों नहीं गए? उन्होंने पूछा, पीओके अभी नहीं तो कब लेंगे. 

गौरव गोगोई ने कहा, सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कहा था कि कश्मीर जाना अब सुरक्षित है. तो फिर बैसरन में यह हमला कैसे हुआ? जब गृह मंत्री कहते हैं कि आतंकियों की कमर तोड़ दी गई है, तो फिर ये आतंकी वहां पहुंचे कैसे? विपक्ष ने पूछा – इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या गृह मंत्री के पास कोई जानकारी नहीं थी? आप उपराज्यपाल के पीछे नहीं छिप सकते. उन्होंने कहा, पहलगांव हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेने से गृह मंत्री बच नहीं सकते. गौरव गोगोई ने कहा, इंटेलीजेंस और सिक्योरिटी में अहंकार आ गया है.

गौरव गोगोई ने सरकार की "कमजोरी" की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार टूर ऑपरेटरों को दोष दे रही है और कह रही है कि उन्होंने लोगों को बिना जानकारी दिए पर्यटकों को बैसरन ले गए. राजनाथ सिंह के "घुस कर मारेंगे" बयान पर विपक्ष ने कहा कि यही बात पुलवामा के वक्त भी कही गई थी. अगर पुलवामा और उरी के बाद आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया गया था, तो फिर पहलगाम में आतंकी कैसे आए? उन्होंने कहा, राजनाथ सिंह संसद में कह रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर रुका है, खत्म नहीं हुआ. और साथ ही कह रहे हैं कि अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो जवाब दिया जाएगा. विपक्ष का कहना है कि जब आतंकी ढांचा नष्ट हो चुका है, तो हमले की आशंका क्यों बनी हुई है?

गौरव गोगोई ने यह भी पूछा कि जब सरकार युद्ध नहीं चाहती थी, तो ऐसी रणनीति क्यों बनाई गई, जिसमें भारत ने सिर्फ लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया और पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश नहीं किया? CDS (मुख्य रक्षा अध्यक्ष) ने सिंगापुर में कहा कि भारत को नुकसान हुआ. उन्होंने यह भी बताया कि दूसरे दिन भारत ने सिर्फ मिसाइल से जवाब दिया, लेकिन पाकिस्तान की हवाई सीमा में प्रवेश नहीं किया. उन्होंने पूछा, रफाल विमान अगर गिरा, तो इसकी जानकारी देश को क्यों नहीं दी गई? एक भारतीय रक्षा अटैची के हवाले से विपक्ष ने कहा कि भारत को लड़ाकू विमानों का नुकसान हुआ क्योंकि कुछ पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले की अनुमति नहीं थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि 21 टारगेट तय किए गए थे, लेकिन सभी पर हमला नहीं किया गया. सवाल उठाया गया – आखिर क्यों? किसके निर्देश से कुछ ठिकानों को छोड़ा गया?

गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि 10 मई को दोपहर 2 बजे सेना ने कहा कि हमला होगा, लेकिन बाद में क्या हुआ, कोई नहीं जानता. उन्होंने सवाल किया, कोई भी देश भारत के समर्थन में खुलकर क्यों नहीं आया? सरकार खुश है कि ब्राजील ने एक बयान में जम्मू-कश्मीर हमले का ज़िक्र किया, लेकिन IMF ने उसी दौरान पाकिस्तान को फंड दे दिया. भारत किसी एक देश को भी पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने के लिए मना नहीं सका. 

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