ट्रोलिंग के बाद विक्रम मिस्री के समर्थन में बोले थरूर, 'संकट में देश की बेहतरीन प्रतिनिधि भूमिका निभाई'

Shashi Tharoor: थरूर ने कहा कि विक्रम मिस्री ने भारत की रणनीतिक स्थिति को न सिर्फ सटीक तरीके से रखा, बल्कि अपनी जिम्मेदारी को बहुत ही पेशेवर अंदाज में निभाया.;

Update: 2025-05-12 07:25 GMT

Shashi Tharoor on Vikram Misri: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर सोशल मीडिया पर उठे विवाद के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री का पुरजोर समर्थन किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर मिस्री को लेकर हो रहे ट्रोलिंग अभियान को "बेहद हास्यास्पद" करार दिया और इस संकटपूर्ण स्थिति को संभालने में उनकी भूमिका की सराहना की.

शानदार काम कर रहे हैं विक्रम मिस्री

एक इंटरव्यू में थरूर ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि आखिर कोई विक्रम मिस्री को ट्रोल क्यों करेगा? उन्होंने बेहद मुश्किल हालात में भारत की रणनीतिक स्थिति को न सिर्फ सटीक तरीके से रखा, बल्कि अपनी जिम्मेदारी को बहुत ही पेशेवर अंदाज में निभाया.

थरूर ने वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी की भी तारीफ की, जिन्होंने ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेहद संयमित और पेशेवर ढंग से संवाद किया. उन्होंने कहा कि इन अफसरों ने बिना किसी उत्तेजना के बहुत ही प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखी.

संघर्ष विराम के बाद ट्रोलिंग

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत निशाना साधा. इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन, समुद्र और वायु क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई पूरी तरह रोकने की ‘समझदारी’ पर सहमति बनी. इस घोषणा के बाद विक्रम मिस्री सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बने. उन पर राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाए गए और यहां तक कि उनके परिवार की निजी जानकारी भी लीक की गई.

इस हमले के बाद कई राजनीतिक नेताओं और पूर्व राजनयिकों ने मिस्री के पक्ष में आवाज़ उठाई है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने X पर कहा कि मिस्री एक ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं, जो देश के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. हमें याद रखना चाहिए कि सिविल सर्वेंट्स कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं.

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह के निराधार और नफरत फैलाने वाले बयानों से समर्पित अधिकारियों का मनोबल टूट सकता है. सरकार को ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जो अफसरों और उनके परिवारों को निशाना बना रहे हैं.

पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव ने इस ट्रोलिंग को “शर्मनाक” बताते हुए कहा कि “मिस्री ने देश की सेवा निष्ठा और संकल्प के साथ की है. उनके परिवार को निशाना बनाना अमानवीय है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.”

विदेश मंत्रालय की चुप्पी

इस विवाद पर अभी तक विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, राजनयिक समुदाय और राजनीतिक वर्ग ने जिस तरह से मिस्री के समर्थन में एकजुटता दिखाई है, उससे यह साफ है कि ट्रोलिंग के इस दौर में भी कई लोग सच्चाई और पेशेवर कार्यशैली के साथ खड़े हैं.

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