पीएम मोदी के RSS की तारीफ पर कांग्रेस का हमला, कहा- 'रिटायरमेंट रोकने की चाल'
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस दिन आजादी का जश्न मनाया जाता है, उस दिन RSS जैसे संगठन की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से दिए गए भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तारीफ की, जिस पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों की बजाय संघ की बात कर ‘अपने रिटायरमेंट को टालने की कोशिश’ की है।
शहीदों का अपमान
कांग्रेस ने कहा कि यह भाषण "शहीदों की स्मृति और आज़ादी के आंदोलन की भावना का अपमान" है और इसे सत्ता से चिपके रहने की बेताब कोशिश करार दिया। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि PM मोदी खुद के रिटायरमेंट को रोकने के लिए RSS को खुश करने में लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम 17 सितंबर 2025 को 75 वर्ष के हो जाएंगे, जो RSS प्रमुख मोहन भागवत की उस राय के अनुसार रिटायरमेंट की उम्र है, जिसे संघ समर्थक अक्सर दोहराते हैं।
RSS दुनिया का सबसे बड़ा NGO
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में RSS के 100 वर्षों के सफर की सराहना करते हुए उसे "गौरवशाली और प्रेरणादायक यात्रा" बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 100 वर्षों से RSS स्वयंसेवक 'व्यक्ति निर्माण' और 'राष्ट्र निर्माण' के संकल्प के साथ मातृभूमि की सेवा में लगे हैं। RSS इस साल विजयादशमी के दिन अपनी शताब्दी वर्षगांठ मनाने जा रहा है।
RSS ने कभी ब्रिटिश राज का विरोध नहीं किया — कांग्रेस
मणिकम टैगोर ने मोदी के भाषण पर पलटवार करते हुए कहा कि RSS ने आज़ादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं निभाई और न ही भारत छोड़ो आंदोलन या सविनय अवज्ञा आंदोलन जैसे जन आंदोलनों में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि RSS के संस्थापक केबी हेडगेवार ने 1925 से पहले जरूर कांग्रेस के आंदोलनों में भाग लिया था, लेकिन RSS गठन के बाद संगठन का झुकाव सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ओर हो गया और उन्होंने ब्रिटिश सत्ता से टकराव से दूरी बना ली। टैगोर ने ब्रिटिश अभिलेखों का हवाला देते हुए कहा कि ब्रिटिश सरकार ने RSS को "गैर-खतरनाक संगठन"** माना था, जबकि कांग्रेस और सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फौज को बड़ा खतरा।
नफरत फैलाने की विचारधारा
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन के समय 1942 में RSS प्रमुख गोलवलकर ने स्वयंसेवकों से आंदोलन से दूर रहने को कहा। RSS की विरासत कभी उपनिवेशवाद से लड़ने की नहीं रही — बल्कि समाज में नफरत और बंटवारा फैलाने की रही है। इसी नफरत की विचारधारा ने गांधीजी को हमसे छीना।
RSS पर प्रतिबंध और पटेल की भूमिका का भी ज़िक्र
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस दिन आजादी का जश्न मनाया जाता है, उस दिन RSS जैसे संगठन की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह वही संगठन है जिस पर कभी सरदार पटेल ने प्रतिबंध लगाया था। लाल किले से शहीदों की बात होनी चाहिए, संघ की नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि PM मोदी का यह बयान राष्ट्रीय एकता के दिन को विभाजनकारी एजेंडे से जोड़ने जैसा है।