दलाई लामा का दो टूक संदेश, पुनर्जन्म पर चीन का दखल अस्वीकार

90वें जन्मदिन से पहले दलाई लामा ने घोषणा की कि उनका उत्तराधिकारी सिर्फ गदेन फोड्रंग ट्रस्ट तय करेगा। चीन या किसी अन्य को इसमें दखल का हक नहीं।;

Update: 2025-07-02 07:12 GMT

Dalai Lama News: 90वें जन्मदिवस से पहले तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि 'दलाई लामा की संस्था आगे भी जारी रहेगी' और उनके उत्तराधिकारी की पहचान करने का पूर्ण अधिकार केवल गदेन फोड्रंग ट्रस्ट के पास होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में किसी और को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है, चाहे वह कोई भी देश हो।

यह बयान उस समय आया है जब दलाई लामा 6 जुलाई को 90 वर्ष के होने जा रहे हैं, और धर्मशाला के मैक्लोडगंज में तिब्बती निर्वासित सरकार द्वारा भव्य समारोहों की तैयारी की जा रही है।


 उत्तराधिकारी चयन में चीन की भूमिका नहीं

दलाई लामा द्वारा बुधवार को सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा गया कि भविष्य में दलाई लामा की पुनर्जन्म की प्रक्रिया पूरी तरह से पारंपरिक पद्धतियों के अनुसार होगी, जिसमें गदेन फोड्रंग ट्रस्ट के सदस्य ही उत्तराधिकारी की खोज और पहचान की जिम्मेदारी निभाएंगे। बयान के अनुसार, ट्रस्ट के सदस्य तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुखों और उन धर्म-संरक्षकों से परामर्श करेंगे जो दलाई लामा की वंश परंपरा से जुड़े हैं। यह प्रक्रिया पूर्णतः पारंपरिक रीति-नीति के अनुसार की जाएगी।

 1969 से ही व्यक्त की थी मंशा

दलाई लामा ने यह भी याद दिलाया कि उन्होंने 1969 में ही स्पष्ट कर दिया था कि भविष्य में दलाई लामा की पुनर्जन्म की परंपरा को जारी रखना है या नहीं, यह तिब्बती समुदाय और बौद्ध अनुयायियों को तय करना चाहिए।2011 में तिब्बती धर्मगुरुओं की बैठक के दौरान भी उन्होंने यह प्रश्न रखा था कि क्या दलाई लामा की संस्था को जारी रहना चाहिए?

 दुनियाभर से आया समर्थन

पिछले 14 वर्षों से उन्होंने इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं की थी। लेकिन इस दौरान तिब्बती संसद, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन, हिमालयी क्षेत्र, मंगोलिया, रूस के बौद्ध समुदाय और यहां तक कि चीन में रहने वाले तिब्बती नागरिकों ने भी उनसे अपील की कि दलाई लामा की संस्था को जारी रखा जाए। उन्होंने बयान में कहा कि  तिब्बत से उन्हें कई संदेश प्राप्त हुए हैं, जिनमें पुनर्जन्म की परंपरा को जारी रखने की अपील की गई है। इन सभी अनुरोधों के मद्देनजर मैं स्पष्ट करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी।”

 चीन को लगा झटका

दलाई लामा का यह बयान सीधे तौर पर चीन की उस नीति को चुनौती देता है, जिसमें वह तिब्बती धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करता आया है। चीन बार-बार यह संकेत देता रहा है कि भविष्य के दलाई लामा की पहचान वह खुद करेगा। लेकिन इस बयान के जरिए दलाई लामा ने साफ कर दिया है कि चीन को इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।

 90वें जन्मदिन पर उत्तराधिकारी की घोषणा संभव?

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) के वरिष्ठ मंत्री पेनपा त्सेरिंग और उपाध्यक्ष डोलमा त्सेरिंग ने कहा है कि दलाई लामा अपने 90वें जन्मदिवस के अवसर पर उत्तराधिकारी को लेकर कोई महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर सकते हैं।दलाई लामा की यह घोषणा न केवल तिब्बती बौद्ध अनुयायियों के लिए भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह चीन की राजनीतिक दखलअंदाजी पर एक तीखा उत्तर भी है। उनके इस साहसी कदम से तिब्बत के लोगों में आस्था और आत्मबल की नई ऊर्जा आएगी।

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