PM मोदी ने जातीय भेदभाव को बताया हिंदुओं के लिए 'बड़ी चुनौती', RSS की तारीफ की
RSS 100 Years: प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ के हर स्वयंसेवक ने भेदभाव और छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. हर हिंदू एक परिवार का हिस्सा है. कोई हिंदू कभी पतित नहीं हो सकता.
RSS 100 Years: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह के अवसर पर समाज में व्याप्त भेदभाव और छुआछूत को हिंदू समाज के लिए "बड़ी चुनौती" बताया. उन्होंने इस सामाजिक बुराई के खिलाफ संघ की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि "संगठन लगातार इस गंभीर समस्या पर कार्य कर रहा है."
हर हिंदू एक ही परिवार का हिस्सा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भेदभाव और छुआछूत जैसे मुद्दे जो दशकों से समाज में मौजूद हैं, वो आज भी हिंदू समाज के लिए बड़ी चुनौती हैं. लेकिन संघ इस पर लगातार काम कर रहा है. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की वर्धा स्थित संघ शिविर की यात्रा को याद करते हुए कहा कि गांधी जी ने संघ में दिखे समानता, करुणा और सामंजस्य के भाव की सराहना की थी.
कोई हिंदू पतित नहीं हो सकता- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ के हर स्वयंसेवक ने भेदभाव और छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. हर हिंदू एक परिवार का हिस्सा है. कोई हिंदू कभी पतित नहीं हो सकता. उन्होंने पूर्व संघ प्रमुख मधुकर दत्तात्रेय देवरस के उस कथन को भी दोहराया, जिसमें कहा गया था कि अगर छुआछूत पाप नहीं है तो फिर दुनिया में कोई पाप नहीं है.
एक कुंआ, एक मंदिर, एक श्मशान की बात दोहराई
पीएम मोदी ने वर्तमान सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा सामाजिक समरसता के लिए तय किए गए लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य है – एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान. जाति के आधार पर इनमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
भारत की आत्मा – विविधता में एकता
मोदी ने कहा कि भारत की आत्मा हमेशा विविधता में एकता पर आधारित रही है. अगर यह सिद्धांत टूटा तो भारत की शक्ति भी टूट जाएगी. हमें लगातार इस बुनियादी भावना को मजबूत करना होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामने “जनसंख्या में हेरफेर” (Demographic Manipulation) एक गंभीर चुनौती है, जो घुसपैठ से भी ज्यादा खतरनाक है. क्योंकि यह आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की शांति को प्रभावित कर सकता है.
AAP का संघ पर हमला
जहां पीएम मोदी ने RSS की प्रशंसा की. वहीं, आप नेता संजय सिंह ने संघ पर कई सवाल उठाए. उन्होंने एक्स पर लिखा कि 100 सालों में एक भी दलित, पिछड़ा या आदिवासी RSS प्रमुख क्यों नहीं बना? आपके आका जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बना रहे थे. आपने आज़ादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों के खिलाफ मुखबिरी की. आपने तिरंगे का विरोध किया, जो भारत की शान और गौरव है.
उन्होंने यह भी पूछा कि 52 वर्षों तक RSS मुख्यालय पर तिरंगा क्यों नहीं फहराया गया? संजय सिंह ने तंज कसा कि हम उनमें से नहीं हैं जो देश के नहीं हो सके.