ऑफिस संभालते ही बोले विदेश मंत्री, चीन-पाकिस्तान के साथ विवाद सुलझाना प्राथमिकता
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि चीन और पाकिस्तान अलग अलग मुद्दे हैं. हमारी यह कोशिश है कि पड़ोसी मुल्कों के साथ संबंध सौहार्दपूर्ण रहे
By : Lalit Rai
Update: 2024-06-11 07:58 GMT
Dr S Jaishankar News: विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने दूसरी बार इस महकमे की कमान संभाल ली है.मंगलवार को पदभार ग्रहण करने के साथ ही उनसे चीन और पाकिस्तान को लेकर सवाल किए गए.उन्होंने कहा कि इस समय विश्व में अस्थिरता के माहौल में भारत की भूमिका विश्व बंधु की तरह है. इस टर्म में कोशिश होगी कि चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझा सकें. इसके साथ पाकिस्तान के साथ क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का मुद्दा ही मुख्य एजेंडा रहेगा. जयशंकर ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में तीसरी बार लगातार सरकार बनाना बहुत बड़ी बात है. निश्चित तौर पर दुनिया भी महसूस कर रही होगी कि भारत में राजनीतिक स्थायित्व है.
चीन- पाकिस्तान एजेंडे में
एस जयशंकर ने कहा कि देखिए जहां तक पाकिस्तान और चीन का सवाल है. दोनों देशों के साथ हमारे संबंध अलग अलग स्तर पर हैं, लिहाजा समस्या की प्रकृति भी एक जैसी नहीं हो सकती. चीन के साथ सीमा विवाद सुलझाना ही प्राथमिकता है और पाकिस्तान के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा पार आंतकवाद के विषय में रास्ता निकालना है.इस समय वैश्विक स्तर पर जिस तरह का माहौल बना हुआ है उसमें एकन बात तो साफ है कि भारत की भूमिका बढ़ने वाली है, दुनिया के मुल्क हमें विश्व बंधु की तरह देखते हैं. दरअसल हमने जिस रास्ते पर है वहां बिना किसी भेदभाव, लागलपेट अपमी बात कहनी हैं, दुनिया ने भारत के स्टैंड को सराहा भी है.
विदेश मंत्रालय दोबारा मिलना सम्मान की बात
उन्होंने कहा कि एक बार फिर विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलना बहुत सम्मान की बात है. पिछले कार्यकाल में इस मंत्रालय ने असाधारण प्रदर्शन किया. हमने जी20 की अध्यक्षता को बखूबी निभाया. हमने वैक्सीन मैत्री आपूर्ति सहित कोविड की चुनौतियों का सामना किया. हम ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी जैसे महत्वपूर्ण अभियानों का केंद्र भी रहे. पिछले दशक में पीएम मोदी के नेतृत्व में यह मंत्रालय बहुत ही जन-केंद्रित मंत्रालय बन गया है.आप इसे हमारी बेहतर पासपोर्ट सेवाओं, विदेशों में भारतीयों को दिए जाने वाले सामुदायिक कल्याण कोष समर्थन के संदर्भ में देख सकते हैं.
गुजरात कोटे से राज्यसभा सांसद
जयशंकर, गुजरात से राज्यसभा सदस्य हैं. 1977 में भारतीय विदेश सेवा में इनका चयन हुआ था. नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल (2015-18) के दौरान भारत के विदेश सचिव के रूप में कार्य किया. संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और चेक गणराज्य (2000-2004) में राजदूत पद पर कार्य किया. गापुर में भारत के उच्चायुक्त (2007-2009) भी थे. मॉस्को, कोलंबो, बुडापेस्ट, टोक्यो, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति सचिवालय में विभिन्न राजनयिक कार्यों में काम किया. विदेश सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद जयशंकर ने टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड में वैश्विक कॉर्पोरेट मामलों के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.