मनरेगा पर ‘बुलडोजर’ का आरोप, सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने और कानून का स्वरूप बदलने पर सोनिया गांधी का तीखा हमला, कहा - गरीबों के रोजगार अधिकार पर सीधा वार।

Update: 2025-12-20 10:03 GMT

Sonia Gandhi On G Ram G : कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मनरेगा को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा राजनीतिक हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जनहितकारी कानून की आत्मा को कुचलने का काम किया है। मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया।


20 साल पुराना कानून, जिसने ग्रामीण भारत बदला
सोनिया गांधी ने याद दिलाया कि 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संसद ने आम सहमति से मनरेगा कानून पास किया था। इसे ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम माना गया।



गरीबों को मिला रोजगार का कानूनी अधिकार
उन्होंने कहा कि मनरेगा ने वंचित, शोषित और अतिगरीब परिवारों को अपने गांव में ही काम दिया। इससे रोजगार के लिए होने वाले बड़े पैमाने के पलायन पर लगाम लगी।


ग्राम पंचायतों को मिली ताकत
सोनिया गांधी के मुताबिक, मनरेगा ने सिर्फ रोजगार नहीं दिया, बल्कि ग्राम पंचायतों को मजबूत किया। यह महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस पहल थी।


कोविड में गरीबों के लिए बनी संजीवनी
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान, जब सब कुछ ठप था, तब मनरेगा करोड़ों गरीब परिवारों के लिए जीवनरेखा साबित हुआ। इसने भूख और बेरोजगारी से लोगों को बचाया।


11 साल में मनरेगा को कमजोर करने का आरोप
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि बीते 11 वर्षों में मोदी सरकार ने मनरेगा को लगातार कमजोर किया। बजट में कटौती, मजदूरी भुगतान में देरी और काम के अवसर घटाना इसका उदाहरण है।


बिना चर्चा बदला गया कानून का स्वरूप
उन्होंने कहा कि हालिया फैसलों में सरकार ने बिना विचार-विमर्श और विपक्ष को विश्वास में लिए मनरेगा का ढांचा बदल दिया। राज्यों और पंचायतों से भी सलाह नहीं ली गई।


महात्मा गांधी का नाम हटाने पर सवाल
सोनिया गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना केवल प्रतीकात्मक कदम नहीं है, बल्कि योजना की मूल सोच को बदलने की कोशिश है।


दिल्ली से तय होगा अब रोजगार!
उनका आरोप है कि अब यह तय किया जाएगा कि किसे, कितना और कहां काम मिलेगा, यह फैसला दिल्ली में बैठे लोग करेंगे। इससे स्थानीय जरूरतों और जमीनी हकीकत की अनदेखी होगी।


कांग्रेस नहीं, जनहित की योजना
सोनिया गांधी ने स्पष्ट किया कि मनरेगा कांग्रेस की नहीं, बल्कि देश और जनता की योजना थी। इसे कमजोर करना किसानों, मजदूरों और ग्रामीण गरीबों के हितों पर सीधा हमला है।


संघर्ष जारी रखने का ऐलान
अंत में उन्होंने कहा कि जैसे 20 साल पहले गरीबों को रोजगार का अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ी गई थी, वैसे ही आज भी इस फैसले के खिलाफ संघर्ष होगा। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।


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