अमेरिका में आने वाले 'ट्रंप' राज से भारत नर्वस क्यों नहीं, इस सवाल का मिला जवाब
डोनाल्ड ट्रंप के बारे में धारणा है कि वो क्या करेंगे अंदाजा नहीं लगा सकते। लेकिन विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर का मानना है कि भारत-अमेरिका का रिश्ता मजबूत होगा
India US Relation: डोनाल्ड ट्रंप औपचारिक तौर पर राष्ट्रपति पद का कार्यभार 20 जनवरी 2025 को संभालेंगे। लेकिन उससे पहले ही वो अपने ऐक्शन के जरिए संदेश दे रहे हैं कि उनका रुख वैश्विक स्तर पर क्या होने वाला है। नतीजों के आने के ठीक एक दिन बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने करीब सात मिनट तक बातचीत की थी। अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से बात कर उन्होंने कहा कि संयम बरतें। इसके ठीक पहले पाकिस्तान के पीए शहबाज शरीफ ने कहा था कि अमेरिका से हमारे रिश्ते पहले भी अच्छे रहे हैं और चीन के साथ अमेरिका का तनाव नहीं है। यानी कि ट्रंप का रुख किस देश को लेकर क्या होने वाला है उसे लेकर हर कोई आशंकित है। इन सबके भारत के विदेश डॉ एस जयशंकर(Dr S Jaishankar) ने कहा कि बहुत ज्यादा देश नर्वस हैं लेकिन हम नहीं। उन्होंने विस्तार से ट्रंप (Donald Trump)की वापसी और भारत- अमेरिका संबंधों के बारे में भी बताया।
बहुत से देशों में घबराहट लेकिन हम नहीं..
जयशंकर ने बताया कि पश्चिमी औद्योगिक राष्ट्र वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव बनाए रखते हैं। लेकिन एक बात याद रखें पुरानी, पश्चिमी अर्थव्यवस्थाएं, पुरानी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएं वे खत्म नहीं हुई हैं। वे अभी भी मायने रखती हैं, वे अभी भी प्रमुख निवेश लक्ष्य हैं। वे बड़े बाजार हैं, मजबूत प्रौद्योगिकी केंद्र हैं, इनोवेशन के केंद्र हैं। इसलिए हमें बदलाव को पहचानना चाहिए। लेकिन हमें इसे बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताना चाहिए और दुनिया के बारे में अपनी समझ को विकृत नहीं करना चाहिए।
पीएम मोदी का अपना अलग रिश्ता
सितंबर 2019 में ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम और फरवरी 2020 में अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं को याद किया। "मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रंप को आपकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं पर निर्माण करते हैं, मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नवीनीकृत करने के लिए तत्पर हूं। साथ मिलकर आइए हम अपने लोगों की बेहतरी के लिए काम करें और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दें।