महाराष्ट्र चुनाव: इलेक्शन कमिशन की कांग्रेस को दो टूक, वोटिंग लिस्ट में नहीं किया बदलाव

Election Commission: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव में अनियमितताओं के कांग्रेस के दावों को खारिज किया. कहा कि महाराष्ट्र में सूची में मनमाने ढंग से नाम हटाया या जोड़ा नहीं गया.;

Update: 2024-12-24 14:29 GMT

Maharashtra Assembly election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान गड़बड़ियों की शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने कांग्रेस (Congress) को जवाब दिया है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने कांग्रेस (Congress) की शिकायतों को बिना आधार का बताया है. आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र में गरीबों की सूची में मनमाने ढंग से नाम हटाया या जोड़ा नहीं गया. वहीं, शाम 5 बजे के मतदान के आंकड़ों की तुलना अंतिम मतदान के आंकड़ों से करना गलत है. बता दें कि कांग्रेस (Congress) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित विभिन्न चिंताओं को लेकर नवंबर में चुनाव आयोग से संपर्क किया था.

कांग्रेस (Congress) को दिए अपने विस्तृत जवाब में चुनाव आयोग (Election Commission) ने कहा कि वास्तविक वोटर टर्नआउट को बदलना असंभव है. क्योंकि मतदान केंद्र पर वोटिंग बंद होने के समय उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास वोटर टर्नआउट का विवरण देने वाला वैधानिक फार्म 17 सी उपलब्ध होता है.

चुनाव आयोग (Election Commission) ने साफ कर दिया कि मतदाता सूची में कोई मनमाना बदलाव नहीं किया गया. अपने जवाब में इलेक्शन कमिशन (Election Commission) ने कहा कि शाम 5 बजे से रात 11:45 बजे तक मतदान में वृद्धि सामान्य है. डाले गए मतों और गिने गए मतों में वास्तविक, लेकिन महत्वहीन अंतर हो सकता है. लेकिन वास्तविक मतदाता वोटिंग प्रतिशत में बदलाव करना असंभव है. महाराष्ट्र में मतदाता सूची तैयार करने में पारदर्शिता के साथ नियम आधारित प्रक्रिया का पालन किया गया और राज्य में मतदाताओं के नाम हटाने में कोई अनियमितता नहीं हुई.

आयोग (Election Commission) ने पार्टी से कहा कि 50 विधानसभा सीटों पर जुलाई से नवंबर के बीच औसतन 50,000 मतदाताओं की वृद्धि की उसकी शिकायत, जिनमें से 47 सीटें महायुती ने जीती हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है. हालांकि, यह सच है कि इस अवधि के दौरान केवल छह विधानसभा क्षेत्रों में 50,000 से अधिक मतदाताओं की संख्या बढ़ी है. इसलिए इस आधार पर 47 सीटों पर जीत का सवाल ही नहीं उठता है.

चुनाव आयोग (Election Commission) ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित किया जाता है कि मतदाताओं के नाम हटाने और जोड़ने का कार्य नियमों के अनुसार सख्ती से किया जाए और हर स्तर पर राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी हो. सभी विधानसभा सीटों पर बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने या नाम हटाए जाने का कोई असामान्य पैटर्न नहीं देखा गया. पार्टी प्रतिनिधियों की भागीदारी सहित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद मृत्यु. ट्रांसफर और डुप्लिकेट प्रविष्टियों के कारण प्रति सीट औसतन 2,779 मतदाताओं के नाम हटाए गए. आयोग (Election Commission) ने दोहराया कि राजनीतिक दल प्रमुख हितधारक होने के नाते 'रोल टू पोल' (मतदाता सूची तैयार करने से लेकर मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक) से लेकर चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में शामिल होते हैं.

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