नेशनल हेराल्ड केस: 661 करोड़ की संपत्तियों पर ED का शिकंजा
ED ने आरोप लगाया है कि यंग इंडियन और AJL की संपत्तियों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से पैसा कमाया गया.;
National Herald case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को बताया कि उसने नेशनल हेराल्ड केस में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों (इम्मूवेबल प्रॉपर्टी) पर कब्ज़ा लेने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं. ये संपत्तियां 2023 में अटैच की गई थीं और अब कब्ज़ा लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
क्या है मामला?
यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) से जुड़ा है और इसमें दो कंपनियां शामिल हैं. पहली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL), जो नेशनल हेराल्ड अख़बार प्रकाशित करती है. वहीं, दूसरी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड– AJL की होल्डिंग कंपनी है. यंग इंडियन कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है.
ईडी ने इन तीन जगहों पर चिपकाए नोटिस:
1. हेराल्ड हाउस (ITO, दिल्ली)
2. बांद्रा, मुंबई में AJL की प्रॉपर्टी
3. विशेश्वर नाथ रोड, लखनऊ में AJL की इमारत
दिल्ली और लखनऊ की संपत्तियों को खाली करने का नोटिस दिया गया है. जबकि मुंबई वाली इमारत के किराए को ED को ट्रांसफर करने का विकल्प दिया गया है.
आरोप
ईडी ने आरोप लगाया है कि यंग इंडियन और AJL की संपत्तियों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से पैसा कमाया गया. इसमें 18 करोड़ रुपये के फर्जी डोनेशन, 38 करोड़ रुपये के फर्जी एडवांस रेंट और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापन शामिल हैं.
कैसे शुरू हुआ यह केस?
यह केस सबसे पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 2010 में AJL की 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां यंग इंडियन को ट्रांसफर करवाईं. इसी के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की.
कानून के तहत कार्रवाई
यह पूरी कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 8 और नियम 5(1) के तहत की जा रही है. इस कानून के तहत, जब कोई संपत्ति अटैच कर ली जाती है और अदालत से मंजूरी मिल जाती है, तब ईडी उसे अपने कब्ज़े में ले सकती है.