कई राज्यों में धमकियों के बीच डर के साये में जी रहे हैं कश्मीरी छात्र

उत्तराखंड में एक हिंदू संगठन के धमकी देने और पंजाब के डेरा बस्सी में एक संस्थान में कुछ लोगों के हमले से कश्मीरी छात्र बेहद तनाव और डर के माहौल में जी रहे हैं।;

Update: 2025-04-25 11:54 GMT
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं को उत्तराखंड में कश्मीरी मुस्लिम छात्रों को धमकी देते हुए सुने जा सकता हैं। (फोटो - स्क्रीनग्रैब/एक्स)

पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों के बीच दहशत फैल गई है। कई जगहों पर दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा धमकियाँ, मकान मालिकों द्वारा छात्रों से घर खाली करने की माँग, और स्थानीय समुदायों द्वारा कश्मीरी मुस्लिमों को बदनाम करने जैसी घटनाएँ सामने आई हैं।

हालात की गंभीरता को भाँपते हुए जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (JKSA) ने बुधवार को एक सुरक्षा सलाह जारी की, जिसमें छात्रों से घर के अंदर रहने, राजनीतिक बहसों से बचने, और सोशल मीडिया पर उत्तेजक या भड़काऊ सामग्री साझा न करने की अपील की गई। साथ ही उन्होंने हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय किए।

धमकियाँ और हमले

उत्तराखंड के देहरादून में दक्षिणपंथी संगठन हिंदू रक्षा दल के एक कथित वीडियो में नेता ललित शर्मा ने कहा,“अगर सुबह 10 बजे के बाद कोई कश्मीरी मुस्लिम दिखाई दिया तो हम ‘इलाज’ करेंगे। हमारे लिए सरकार पर बैठकर भरोसा करना काफी नहीं है। आपके पास 10 बजे तक का समय है यहाँ से भाग जाने का।”

इस वीडियो के वायरल होते ही कई छात्र घबरा गए, कुछ ने तो रात 1:30 बजे ही एयरपोर्ट के लिए निकलना शुरू कर दिया।

दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक छात्र ने बताया कि फार्मेसी, फिजियोथेरेपी और लैब टेक्नोलॉजी के छात्र परीक्षाओं के चलते रुकने को मजबूर हैं और फिलहाल कॉलेज परिसर में ही रह रहे हैं।

पुलिस का बयान

उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि वीडियो पोस्ट करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा, “हमारे पास सभी छात्रों की जानकारी है, सुरक्षा बढ़ा दी गई है और छात्र नोडल अधिकारियों से सीधे संपर्क में हैं।”

हालांकि, छात्रों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया और वे अब भी असमंजस में हैं कि हॉस्टल छोड़ें या न छोड़ें।

पंजाब में हमला

चंडीगढ़ के डेरा बस्सी स्थित यूनिवर्सल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में कश्मीरी छात्रों पर धारदार हथियारों से हमला किया गया।

JKSA संयोजक नासिर खुहामी के अनुसार, “रात में कुछ स्थानीय लोग जबरन हॉस्टल में घुसे और छात्रों पर हमला कर दिया। एक छात्र को गंभीर चोट आई। कॉलेज की सुरक्षा निष्क्रिय रही और पंजाब पुलिस ने भी समय पर मदद नहीं की।”

इस घटना पर पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डर और अनिश्चितता

चंडीगढ़ की एक छात्रा ने वीडियो साझा करते हुए कहा, “हम कल रात से भूखे बैठे हैं क्योंकि बाहर कुछ खरीदने नहीं जा सकते। एक दोस्त को टैक्सी से फेंक दिया गया। हम घर जाना चाहते हैं, लेकिन निकल नहीं पा रहे।”

दिल्ली के जाकिर नगर में एक छात्र को मकान खाली करने के लिए कहा गया। प्रयागराज, यूपी में एक छात्र ने बताया कि वह बहुत डरा हुआ है और आज ही घर लौट रहा है।

दिल्ली की एक स्वतंत्र पत्रकार और छात्रा मोसीना ने कहा, “देशभर में कश्मीरी छात्रों पर हमलों की खबरें बेहद चिंताजनक हैं। हम केवल मुस्लिम बहुल इलाकों में ही सुरक्षित महसूस करते हैं।”

2019 की यादें ताजा

छात्रों के लिए यह डर 2019 के पुलवामा हमले के बाद के हालात की याद दिला रहा है। उस वक्त भी 1,000 से अधिक कश्मीरी छात्र उत्तराखंड में पढ़ रहे थे, जिनमें से कई को निकाले जाने की धमकी मिली थी।

महाराष्ट्र के यवतमाल में युवासेना कार्यकर्ताओं ने 6 छात्रों पर हमला किया था। हरियाणा के अंबाला में गाँव की पंचायत ने 300 छात्रों को मकान खाली करने का अल्टीमेटम दिया। CRPF की मददगार हेल्पलाइन को 60-70 कॉल आए और 250 से अधिक छात्रों को कश्मीर वापसी में मदद मिली। खालसा ऐड जैसे सिख संगठनों ने पंजाब के मोहाली में छात्रों को शरण और यात्रा की सुविधा दी।

पहलगाम हमला

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरान मैदान में हुए आतंकी हमले में कम से कम 26 पर्यटकों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ (लश्कर से जुड़ा संगठन) ने ली है।

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