राहत तो मिली नहीं लगी फटकार, हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से बेल अर्जी वापस ली

अरविंद केजरीवाल के जमानत को आधार बनाकर झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने बेल अर्जी लगाई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फटकार लगाए जाने के बाद अर्जी वापस ले ली.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-05-22 09:16 GMT

Hemant Soren Bail News: एक कहावत है कि जब आप बहुत काबिल बनने लगते हैं तो नतीजा खिलाफ चला जाता है. ऐसा ही कुछ झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के साथ हुआ. उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगा दी. अदालत ने  ट्रायल कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दायर करने के संबंध में तथ्यों को दबाने की भी आलोचना की. इसके बाद जेएमएम नेता ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस ले ली. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने सोरेन के वकील कपिल सिब्बल को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए चेतावनी दी कि यदि अदालत मामले की गहराई तक जाएगी तो पूर्व मुख्यमंत्री के लिए नुकसानदेह साबित होगा.

तब आपके मुवक्किल को हो जाएगी दिक्कत

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सिब्बल से कहा कि आपका आचरण बहुत कुछ कहता है.  हमें उम्मीद थी कि आपका मुवक्किल ईमानदारी से अपनी बात रखेगा. लेकिन आपने तथ्यों को दबा दिया. सिब्बल ने सोरेन का बचाव करते हुए कहा कि वह हिरासत में हैं और उन्हें अदालतों में दायर याचिकाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके बाद पीठ ने सिब्बल से कहा कि आपका आचरण बेदाग नहीं है. वह कोई आम आदमी नहीं है. पीठ ने कहा कि वह मामले की गंभीरता पर विचार किए बिना ही गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर देगी. इसके बाद सिब्बल ने याचिका वापस लेने पर सहमति जताई जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया.

'हेमंत सोरेन कर रहे हैं फर्जीवाड़ा'

ईडी ने इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि 31 जनवरी को सोरेन की गिरफ्तारी को झारखंड उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है और उनकी नियमित जमानत याचिका को निचली अदालत ने 13 मई को खारिज कर दिया था. 13 मई को सोरेन ने कथित दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला दिया था और अपने लिए भी वैसी ही राहत मांगी थी.  वकील प्रज्ञा बघेल के माध्यम से दायर अपनी अपील में झामुमो नेता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज करके गलती की है.

ईडी ने आरोप लगाया है कि सोरेन ने फर्जी/जाली दस्तावेजों की आड़ में फर्जी विक्रेता और क्रेता दिखाकर सरकारी अभिलेखों में हेरफेर की थी. यही नहीं करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन के विशाल पार्सल हासिल करने के लिए जाली/फर्जी दस्तावेजों की आड़ में डमी विक्रेताओं और खरीदारों की मदद ली. सोरेन द्वारा आधिकारिक रिकॉर्ड में हेरफेर के माध्यम से भारी मात्रा में कमाई की. सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन के भूखंड से संबंधित है.ईडी का कहना है कि उन्होंने अवैध रूप से हासिल किया था।सोरेन फिलहाल न्यायिक हिरासत में रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं.

(एजेंसियों से इनपुट के साथ)

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