6 महीने में ही बिखरने लगा इंडी कुनबा! ममता को अब लालू का भी समर्थन
Indi Alliance: क्या इंडिया गठबंधन बिखर जाएगा या कांग्रेस की जगह कमान किसी और के हाथ में होगी। दरअसल ममता बनर्जी के नाम पर अब लालू प्रसाद यादव को आपत्ति नहीं है।;
Mamata Banerjee India Alliance News: क्या इंडिया गठबंधन अपने इसी वजूद में बना रहेगा या कुछ और बदलाव होंगे। दरअसल इंडिया गठबंधन के भीतर से आवाज उठने लगी है कि अब कमान किसी और को। यानी कांग्रेस की अगुवाई अब पसंद नहीं। अब जब बात कमान की हो रही है तो वो चेहरा कौन हो सकता है। इंडिया गठबंधन के दूसरे घटक दलों को क्या वो चेहरा मिल चुका है, जी हां उस चेहरे का नाम ममता बनर्जी है जिन्हें अब लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) का भी समर्थन मिल रहा है। बता दें कि इससे पहले एनसीपी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) खुलकर ममता के नाम का समर्थन कर चुकी है। अब सवाल यह है कि ऐसा क्या हुआ कि ममता के पक्ष में दूसरे घटक दल लामबंद हो गए। क्या इसकी वजह से इंडिया गठबंधन का रूप और रंग अलग होगा। क्या कांग्रेस के नेता ममता बनर्जी की अगुवाई स्वीकार कर पाएंगे। ये सब कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे।
लालू प्रसाद यादव ने क्या कहा
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने दिया जाना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी ममता द्वारा भाजपा विरोधी गठबंधन की कमान संभालने की मंशा जताए जाने के कुछ दिनों बाद आई है। लालू ने यह भी कहा कि अगर इंडिया ब्लॉक की प्रमुख सहयोगी कांग्रेस को ममता को विपक्षी मोर्चे के नेता के रूप में स्वीकार करने में कोई आपत्ति है, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आरजेडी प्रमुख ने कहा, "ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने दिया जाना चाहिए।
इससे पहले लालू के बेटे और वरिष्ठ राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav ) ने कहा था कि उन्हें ममता बनर्जी सहित भारतीय जनता पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता द्वारा गठबंधन का नेतृत्व करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निर्णय सर्वसम्मति से लिया जाना चाहिए।
ममता बनर्जी ने 6 दिसंबर को भारतीय ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया था और संकेत दिया था कि अगर मौका मिला तो वह गठबंधन की कमान संभालेंगी। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए विपक्षी मोर्चे को चलाने की दोहरी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।
अब लालू प्रसाद यादव के इस बयान के बाद कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया आई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हमारे गठबंधन में लोकतंत्र है हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। राहुल जी ने चार हजार किमी की यात्रा दो देश को एकसूत्र में बांधने का काम किया है। लेकिन सत्ता पक्ष तोड़ने की राजनीति करती है। यानी कि कांग्रेस (Congress Reaction Mamata Banerjee) के नेता मूल सवाल पर कुछ बोलने से बचते रहे। यहां सवाल ये है कि क्या ममता बनर्जी को हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों का इंतजार था। इस मामले में सियासत के जानकार कहते हैं कि इंडिया गठबंधन के अस्तित्व के लिए इन दोनों सूबों के नतीजे अहम थे। क्योंकि कांग्रेस के साथ दूसरे दलों को भी यकीन था कि यहां पर सत्ता पक्ष की हार होने जा रही है। लेकिन नतीजों ने कांग्रेस की ताकत को बेपर्दा कर दिया है।
क्यों अलग सुर अलापने लगे अखिलेश- शरद पवार
समाजवादी पार्टी की तरफ से इस तरह की बात क्यों आई या शरद पवार ने ममता बनर्जी के नाम पर स्टैंड क्यों लिया। इस सवाल का जवाब भी दोनों सूबों के नतीजों में ही छिपे हुए हैं। मसलन हरियाणा (Haryana Elections result 2024) और महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस ने अखिलेश यादव की पूरी तरह से अनदेखी की। समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly Elections 2024) में यहां तक कहना पड़ा कि 25 सीट नहीं तो साथ नहीं रहेंगे। हालांकि बाद में दोनों दलों ने इस मुद्दे को अधिक नहीं उछाला। वहीं शरद पवार (Sharad Pawar) को लगता है कि कांग्रेस जैसे डूबते जहाज की सवारी राजनीतिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं होगा। सियासी पंडित कहते हैं कि जब ममता बनर्जी सीट के मुद्दे पर कांग्रेस का साथ देने से इनकार कर दिया तो उनकी आलोचना हुई थी। लेकिन आम चुनाव नतीजों के 6 महीने के भीतर कांग्रेस की कमजोरी सामने आई है उसे देख उसके सहयोगी दल अलग विकल्प की तलाश में जुट गए हैं और ममता बनर्जी में उम्मीद नजर आ रही है।