केंद्र ने बांग्लादेश में भारतीयों और हिंदुओं की सुरक्षा की निगरानी के लिए पैनल बनाया
समिति बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहां के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संचार चैनल बनाए रखेगी.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-08-09 12:59 GMT
Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में हिन्दुओं और अल्पसंख्यकों के कत्लेआम और उन पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारत सरकार पहले ही चिंता जाहिर कर चुकी है. इसके बाद अब बीएसएफ की निगरानी में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो बांग्लादेश के हालातों पर निगरानी रख सकें.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पड़ोसी देश में चल रहे हालात के मद्देनजर भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की निगरानी के लिए शुक्रवार (9 अगस्त) को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक शीर्ष अधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की.
शाह के अनुसार समिति बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और वहां रहने वाले अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के समकक्ष अधिकारियों के संपर्क में रहेगी.
अमित शाह ने 'X' पर एक पोस्ट में लिखा कि "बांग्लादेश में चल रही स्थिति के मद्देनजर, मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है. समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संचार चैनल बनाए रखेगी ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. समिति का नेतृत्व एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक), सीमा सुरक्षा बल, पूर्वी कमान करेंगे."
In the wake of the ongoing situation in Bangladesh, the Modi government has constituted a committee to monitor the current situation on the Indo-Bangladesh Border (IBB). The committee will maintain communication channels with their counterpart authorities in Bangladesh to ensure…
— Amit Shah (@AmitShah) August 9, 2024
बीएसएफ एडीजी के अलावा समिति के चार अन्य सदस्य हैं - दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के लिए बीएसएफ के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी), त्रिपुरा फ्रंटियर के लिए आईजीपी, भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (एलपीएआई) के सदस्य (योजना एवं विकास), तथा एलपीएआई के सचिव.
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में गुरुवार को शपथ लेने वाले मोहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने शीघ्र ही सामान्य स्थिति बहाल होने की आशा व्यक्त की तथा उस देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा की मांग की.
बांग्लादेश में हाल के हफ्तों में भयंकर अशांति देखी गई. छात्रों द्वारा आरक्षण विरोधी प्रदर्शन से शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में पुलिस कर्मियों सहित 500 से अधिक लोग मारे गए.
इनमें से कई लोगों की मौत तब हुई जब देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले महीने छात्रों की मांगों का समर्थन किया और कोटा प्रणाली को बड़े पैमाने पर समाप्त कर दिया.
सोमवार को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत भाग जाने के बाद, पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें आने लगीं.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)