INS तुशील के बाद अब ‘INS तमाल’, अब और घातक होगी भारतीय नौसेना
INS Tamal की कमीशनिंग भारत की समुद्री रणनीति और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. रूस के सहयोग से बन रही यह फ्रिगेट सीरीज भविष्य में भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभाएगी.;
Indian Navy Stealth Frigate Tamal: भारत का नया स्टेल्थ मिसाइल फ्रिगेट 'तमाल' जून के अंत तक रूस के कलिनिनग्राड स्थित यांतार शिपयार्ड में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा. इस बात की जानकारी बुधवार को इस योजना से जुड़े अधिकारियों ने दी. यह युद्धपोत सितंबर तक भारत के पश्चिमी तट पर पहुंचेगा और मुंबई स्थित वेस्टर्न फ्लीट का हिस्सा बनेगा. अधिकारियों के अनुसार, यह भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति को हिंद महासागर क्षेत्र में और अधिक मजबूती देगा.
$2.5 बिलियन के सौदे का हिस्सा है 'तमाल'
'तमाल' चार क्रिवाक/तलवार श्रेणी के स्टेल्थ युद्धपोतों की उस सीरीज का हिस्सा है, जो भारत और रूस के बीच $2.5 बिलियन के रक्षा समझौते के तहत बन रहे हैं. इस समझौते के अंतर्गत दो युद्धपोत रूस के यांतार शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं। जबकि दो अन्य गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में रूस की तकनीक के हस्तांतरण के साथ निर्मित होंगे.
इस सीरीज का पहला युद्धपोत आईएनएस तुशील दिसंबर 2024 में यांतार शिपयार्ड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में नौसेना में शामिल हुआ था और फरवरी 2025 में भारत पहुंचा. राजनाथ सिंह ने इसे भारत की समुद्री शक्ति का "गौरवपूर्ण प्रतीक" और भारत-रूस मित्रता का "महत्वपूर्ण मील का पत्थर" बताया था.
क्रिवाक III श्रेणी के उन्नत फ्रिगेट्स
'तुशील' और 'तमाल' दोनों Project 1135.6 के तहत बनाए गए उन्नत क्रिवाक III श्रेणी के युद्धपोत हैं. इस सीरीज के छह युद्धपोत पहले से सेवा में हैं — तीन तलवार श्रेणी के (बॉल्टिक शिपयार्ड, सेंट पीटर्सबर्ग में निर्मित) और तीन टेग श्रेणी के (यांतार शिपयार्ड में निर्मित).
नए युद्धपोतों में लगभग 26% स्वदेशी योगदान है, जो पिछली टेग श्रेणी के फ्रिगेट्स की तुलना में दोगुना है. इसमें 33 भारतीय कंपनियों का योगदान है, जिनमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, ब्रह्मोस एयरोस्पेस (भारत-रूस संयुक्त उद्यम) और नवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स (टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) शामिल हैं.
उन्नत हथियार प्रणाली से लैस
इन फ्रिगेट्स में अत्याधुनिक हथियार प्रणालियां लगी हैं, जिनमें शामिल ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, श्तिल सरफेस-टू-एयर मिसाइलें (बढ़ी हुई रेंज के साथ), मध्यम दूरी की एंटी-एयर और एंटी-सर्फेस गन, ऑप्टिकली नियंत्रित क्लोज-रेंज रैपिड फायर गन सिस्टम, टॉरपीडो और रॉकेट लॉन्चर हैं.