शुभांशु शुक्ला बोले: ISS मिशन से गगनयान और अंतरिक्ष योजनाओं को मिलेगी मदद
शुक्ला ने इस मिशन को पूर्णतः सफल बताया। उन्होंने कहा कि हमने अपने सारे तकनीकी उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया है। ऐसे मिशन से जो ज्ञान मिलता है, उसे मापना या पूरी तरह दस्तावेज़ करना संभव नहीं है।;
भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हाल ही में Axiom-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक लौटे हैं। उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने अंतरिक्ष एक्सपीरियंस को साझा किया। उन्होंने कहा कि इस मिशन से प्राप्त अनुभव गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसे स्वदेशी अभियानों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
सरकार, इसरो और शोधकर्ताओं को जताया आभार
नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए शुभांशु शुक्ला ने भारत सरकार, इसरो, वैज्ञानिकों और अपने सहयात्रियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मानव अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देना सिर्फ ट्रेनिंग नहीं, उससे कहीं ज़्यादा होता है। वहां जाकर जो अतिरिक्त ज्ञान मिलता है, वो अमूल्य होता है। पिछले एक साल में जो जानकारी एकत्र की है, वह हमारे भविष्य के मिशनों गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए बेहद अहम है। बहुत जल्द हम अपने रॉकेट, अपने कैप्सूल और अपनी धरती से किसी को अंतरिक्ष में भेजेंगे।
मिशन में पायलट की भूमिका
शुक्ला ने बताया कि इस मिशन में उन्होंने मिशन पायलट की जिम्मेदारी निभाई। मैं ‘क्रू ड्रैगन’ के मिशन पायलट के रूप में शामिल था, जिसमें कुल चार सीटें होती हैं। मुझे कमांडर के साथ काम करना था और स्पेसक्राफ्ट के सिस्टम्स के साथ संवाद स्थापित करना होता था। उन्होंने आगे बताया कि उन्हें भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए विज्ञान प्रयोग करने थे, साथ ही STEM डेमोंस्ट्रेशन, फ़ोटोग्राफ़ी और वीडियो रिकॉर्डिंग भी करनी थी।
स्पेस में बिताए अनुभव को याद करते हुए शुक्ला ने कहा कि धरती पर जो सीखा, स्पेस में उससे एकदम अलग अनुभव होता है। शरीर में कई बदलाव आते हैं। बीस दिन स्पेस में रहने के बाद शरीर गुरुत्वाकर्षण में रहना भूल जाता है।
सभी तकनीकी लक्ष्य पूरे
शुक्ला ने इस मिशन को पूर्णतः सफल बताया। उन्होंने कहा कि हमने अपने सारे तकनीकी उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया है। ऐसे मिशन से जो ज्ञान मिलता है, उसे मापना या पूरी तरह दस्तावेज़ करना संभव नहीं है।
ISRO अध्यक्ष ने मिशन को बताया ऐतिहासिक
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि भारत में अब पहले की तुलना में दोगुने मिशन लॉन्च हो रहे हैं। पिछले छह महीनों में तीन प्रमुख मिशन पूरे किए गए। Axiom-4 एक बेहद प्रतिष्ठित मिशन था। भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को सुरक्षित वापस लाया गया। उन्होंने आगे बताया कि अगले 2–3 महीनों में भारत से लगभग 6,500 किलोग्राम अमेरिकी कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स लॉन्च किए जाएंगे। अब तक भारत से 34 देशों के 433 सैटेलाइट्स लॉन्च हो चुके हैं। G20 सैटेलाइट्स को भी विभिन्न देशों को देने की योजना है।