भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद क्या क्या हुआ, 10 प्वाइंट्स में समझें

पाकिस्तान की नीयत पर भरोसा क्यों नहीं होता। इसका जवाब शायद आप शनिवार की घटना से समझ सकते हैं। सीजफायर पर सहमति के बाद भी उसकी तरफ से उल्लंघन किया गया।;

Update: 2025-05-11 03:15 GMT
सीमा की निगहबानी करते हुए भारतीय सेना के जवान

India Pakistan Ceasefire deal:  भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को तत्काल युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद सीमा पार तनाव के तेजी से बढ़ने के कारण हुआ। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे "पिछले दो दिनों के दौरान गहन कूटनीतिक प्रयासों" का नतीजा बताया।

ऑपरेशन सिंदूर

भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में स्थित 9 आतंकी लॉन्चपैड्स पर सटीक हवाई हमले किए गए। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में की गई थी।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने ड्रोन हमले किए, जो जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के क्षेत्रों को निशाना बना रहे थे। हालांकि, भारतीय रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों को विफल कर दिया, लेकिन दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच बड़े युद्ध की आशंका फिर से सिर उठाने लगी।

अमेरिका की भूमिका

बढ़ते संकट के बीच अमेरिका ने स्थिति को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। CNN की रिपोर्ट के अनुसार, वेंस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर सीधे पाकिस्तान से वार्ता की अपील की ताकि तनाव कम करने के विकल्पों पर विचार किया जा सके।

युद्धविराम के बाद उल्लंघन

हालांकि युद्धविराम की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, श्रीनगर और अन्य सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान द्वारा इसका उल्लंघन किया गया। शनिवार शाम श्रीनगर में जोरदार धमाकों की आवाज़ें गूंजीं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने X पर लिखा: "युद्धविराम के साथ क्या हुआ? श्रीनगर में हर ओर धमाके! यह कोई युद्धविराम नहीं है। एयर डिफेंस यूनिट ने शहर के बीचोंबीच फायरिंग शुरू कर दी है।"

सीमा पर हालात

शनिवार शाम को उधमपुर, श्रीनगर और जम्मू क्षेत्र में हवाई हमले के सायरन बजाए गए। अंधेरा फैलाकर सुरक्षा के उपाय किए गए, विशेषकर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के संवेदनशील इलाकों में। नग्रोता मिलिट्री स्टेशन पर तैनात एक चौकस जवान ने संभावित घुसपैठ को विफल कर दिया, जिसके बाद हल्की मुठभेड़ भी हुई।

विदेश सचिव का बयान

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा "पाकिस्तान द्वारा यह समझौता लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। भारतीय सेना उचित जवाब दे रही है। यह घुसपैठ अत्यंत निंदनीय है और पाकिस्तान इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान हालात को समझे और तत्काल घुसपैठ रोकने के लिए उचित कार्रवाई करे।"

चीन का रुख

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत की। चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, डोभाल ने कहा "पहलगाम का आतंकी हमला बहुत गंभीर था। भारत को आतंक के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। युद्ध भारत की पसंद नहीं है। भारत और पाकिस्तान युद्धविराम के प्रति प्रतिबद्ध हैं और क्षेत्रीय शांति की बहाली चाहते हैं।"

विदेश मंत्री जयशंकर का बयान

एस. जयशंकर ने युद्धविराम की घोषणा के बाद कहा "भारत और पाकिस्तान ने फायरिंग और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई है। लेकिन भारत की आतंक के खिलाफ नीति बिल्कुल स्पष्ट और अडिग है।"

सुरक्षा कड़ी

रविवार तड़के अमृतसर में रेड अलर्ट जारी किया गया और नागरिकों से घरों में रहने की अपील की गई। जम्मू शहर में रविवार को स्थिति सामान्य रही, और 10-11 मई की रात कोई ड्रोन, फायरिंग या गोला-बारी की सूचना नहीं मिली। पुंछ क्षेत्र में भी शांति बनी रही।

 'हर आतंकी हमला, युद्ध की कार्रवाई'

शनिवार को भारत सरकार ने अपनी सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की कि अब से भारत पर किया गया हर आतंकी हमला 'युद्ध की कार्रवाई' माना जाएगा और इसका जवाब उसी स्तर पर सैन्य रूप में दिया जाएगा।इस निर्णय के तहत भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि उरी (2016), पुलवामा (2019) और पहलगाम (2025) की तर्ज पर अब हर आतंकी हमले पर कड़ा सैन्य उत्तर दिया जाएगा।

युद्धविराम की घोषणा भले ही हो गई हो, लेकिन पाकिस्तान द्वारा उल्लंघन, ड्रोन हमले और सीमा पर तनाव दिखाते हैं कि स्थिति अभी भी पूरी तरह शांत नहीं हुई है। भारत ने अपने रुख को साफ कर दिया है: आतंकवाद बर्दाश्त नहीं होगा और हर जवाब अब निर्णायक होगा।

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