SCO में भारत की सख्ती, जयशंकर बोले- आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं कर सकते

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO बैठक में आतंकवाद का जिक्र न होने पर संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर से इनकार किया था। इस फैसले को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सही बताया।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-06-27 06:57 GMT

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस निर्णय का समर्थन किया जिसमें उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की संयुक्त विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। जयशंकर ने कहा कि जब इस संगठन की स्थापना ही आतंकवाद से लड़ने के लिए हुई थी, तब आतंकवाद पर कोई उल्लेख न होना बेहद विडंबनापूर्ण है।

उन्होंने बताया कि SCO के एक सदस्य देश ने संयुक्त बयान में आतंकवाद का जिक्र शामिल न करने की मांग की थी, इसी वजह से भारत ने इसका समर्थन नहीं किया। हालांकि जयशंकर ने उस देश का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं करेगा।

आतंकवाद पर चुप्पी अस्वीकार्य- जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि जब संगठन का मुख्य उद्देश्य ही आतंकवाद से लड़ना हो और आप उस पर कोई उल्लेख न करने दें, तो राजनाथ सिंह ने स्वाभाविक रूप से यह बयान स्वीकार नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि SCO में निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं। इसलिए राजनाथ जी ने साफ शब्दों में कहा कि अगर आतंकवाद का उल्लेख नहीं होगा, तो भारत दस्तखत नहीं करेगा।

पहलगाम हमले का न जिक्र, न समर्थन

राजनाथ सिंह ने चीन के चिंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुद्दा उठाया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। उन्होंने इस हमले का उल्लेख न किए जाने पर गंभीर आपत्ति जताई। वहीं पाकिस्तान की ओर से संयुक्त बयान में 11 मार्च को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा जैफर एक्सप्रेस की हाइजैकिंग का उल्लेख करवाया गया। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने इस घटना को शामिल कर भारत को निशाने पर लेने की कोशिश की।

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र, पाकिस्तान पर तीखा हमला

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में भारत के ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया, जो पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारत की सर्जिकल प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा, पहलगाम हमले का पैटर्न लश्कर-ए-तैयबा के पुराने हमलों जैसा ही था। भारत की ज़ीरो टॉलरेंस फॉर टेररिज़्म नीति हमारे एक्शन से साफ दिखती है।

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश आतंकवाद को विदेश नीति के औजार की तरह इस्तेमाल करते हैं और आतंकियों को पनाह देते हैं। SCO को ऐसे दोहरे मापदंड वाले देशों की निंदा करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

SCO में भारत का कड़ा रुख

SCO में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं। भारत 2017 में SCO का सदस्य बना था और 2023 में संगठन की अध्यक्षता भी की थी।इस घटनाक्रम के चलते रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद SCO का संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं किया जा सका, क्योंकि भारत ने उसे समर्थन देने से इनकार कर दिया।

Tags:    

Similar News