भारत की तुर्की को दो टूक, पाकिस्तान से करे आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग
Turkey Pakistan Connection: यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट रुख अपना रहा है. तुर्की और चीन जैसे देशों को सीधे संदेश देकर भारत ने साफ कर दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ ‘नो टॉलरेंस’ नीति के तहत कूटनीतिक दबाव भी बढ़ाया जाएगा.;
India Turkey Terrorism: भारत ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि तुर्किये, पाकिस्तान से सीमा-पार आतंकवाद के समर्थन को समाप्त करने और दशकों से पनपते आतंकवाद के इकोसिस्टम के खिलाफ ठोस, विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने की सख्त मांग करेगा. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें उम्मीद है कि तुर्किये पाकिस्तान से सीमा-पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने और उस आतंकवादी ढांचे के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करने की सख्ती से मांग करेगा, जिसे वह दशकों से पनपाता आ रहा है. भारत और तुर्किये के बीच संबंध आपसी संवेदनशीलताओं की समझ पर आधारित होते हैं.
Çelebi एविएशन पर टिप्पणी
Çelebi Aviation Pvt Ltd की सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने पर जायसवाल ने कहा कि यह मुद्दा भारत में तुर्की दूतावास के साथ चर्चा का विषय रहा है. Çelebi का मामला यहां तुर्की दूतावास के साथ चर्चा में रहा है। जहां तक मुझे जानकारी है, यह निर्णय नागरिक विमानन सुरक्षा विभाग (BCAS) द्वारा लिया गया है. यह मामला तब सामने आया जब केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में Çelebi की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उनके पास 'कुछ इनपुट' थे.
भारत-तुर्की संबंधों में खटास
भारत और तुर्किये के बीच संबंध उस वक्त से तनावपूर्ण हैं, जब तुर्की ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में भारत की आतंकवाद-रोधी सर्जिकल स्ट्राइक्स की निंदा की थी. इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान बड़े पैमाने पर तुर्की निर्मित ड्रोन का भी इस्तेमाल किया था.
भारत का चीन को संदेश
प्रेस ब्रीफिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत का भी उल्लेख किया गया. जायसवाल ने कहा कि हमारे NSA और चीन के विदेश मंत्री वांग यी (जो सीमा मामलों पर विशेष प्रतिनिधि भी हैं) के बीच 10 मई 2025 को बातचीत हुई थी. उस दौरान NSA ने पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति स्पष्ट रूप से रखी. उन्होंने कहा कि चीन अच्छी तरह जानता है कि भारत-चीन संबंधों का आधार आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, बातचीत में अजीत डोभाल ने वांग यी से स्पष्ट किया कि “युद्ध भारत की प्राथमिकता नहीं है, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंक के खिलाफ कार्रवाई जरूरी थी।