पाकिस्तान से तनाव के बीच भारतीय नौसेना का अरब सागर में सैन्याभ्यास
नौसेना द्वारा किए जा रहे इन अभ्यासों में एंटी-शिप और एंटी-एयरक्राफ्ट लाइव फायरिंग ड्रिल्स भी शामिल हैं;
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (Special Economic Zones - SEZ) में सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इन अभियानों और परिचालन तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी।
प्रधानमंत्री से एक घंटे की बैठक
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी और नौसेना प्रमुख के बीच यह बैठक लगभग एक घंटे चली, जिसमें अरब सागर में चल रहे अभ्यासों, मौजूदा तैनाती और संभावित खतरों से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की गई।
अभ्यासों में लाइव फायरिंग ड्रिल्स शामिल
नौसेना द्वारा किए जा रहे इन अभ्यासों में एंटी-शिप और एंटी-एयरक्राफ्ट लाइव फायरिंग ड्रिल्स भी शामिल हैं, जो गुजरात के पोरबंदर तट के पास 3 से 7 मई के बीच आयोजित की जा रही हैं। युद्धपोत पूरी तरह से सतर्क हैं और क्षेत्र में किसी भी असामान्य गतिविधि का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
नेवी की अग्रिम तैनाती
भारतीय नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के निकट, गुजरात से सटे क्षेत्रों में अपने जहाज़ों की तैनाती और भी सुदृढ़ की है। किसी भी आकस्मिक स्थिति या खतरे की स्थिति में तत्काल कार्रवाई के लिए युद्धपोत पूर्ण रूप से तैयार हैं।
पाकिस्तान की मिसाइल गतिविधियों पर निगरानी
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने बीते सप्ताह में चौथी बार नौसैनिक मिसाइल लॉन्चिंग की कोशिश की है, हालांकि पहले तीन प्रयास सफल नहीं रहे। भारतीय नौसेना इन घटनाओं पर करीबी नज़र बनाए हुए है और किसी भी उकसावे या खतरे का माकूल जवाब देने की स्थिति में है।
समुद्री सुरक्षा ही प्राथमिकता
इन अभ्यासों का मुख्य उद्देश्य भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और नौसेना की युद्धक क्षमता को परखना है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में सटीक और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके।