दिग्विजय-कमलनाथ के बयानों पर सिंधिया ने तोड़ी चुप्पी, बोले- “सम्मान और स्वाभिमान से समझौता संभव नहीं”

सिंधिया ने यह भी जोड़ा कि कमलनाथ और दिग्विजय दोनों से उनके परिवार के पुराने रिश्ते रहे हैं। कमलनाथ को वह बचपन से “कमल अंकल” कहकर बुलाते थे और दिग्विजय उनके पिता के करीबी मित्र थे।;

Update: 2025-08-27 17:19 GMT
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली बार खुलकर अपनी बात रखी

मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर पांच साल पुराना जिन्न बाहर निकल आया है। 2020 में महज 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार के गिरने के कारणों को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने अलग-अलग दावे किए, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच पहली बार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी चुप्पी तोड़ी है।

सिंधिया ने तोड़ी चुप्पी

दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रहे वार-पलटवार के बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली बार खुलकर अपनी बात रखी। एक मीडिया हाउस से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं अतीत में नहीं जाना चाहता। दोनों नेताओं के बयान ही यह साफ कर रहे हैं कि उस वक्त क्या चल रहा था।”

सिंधिया ने स्पष्ट किया कि कमलनाथ सरकार में उन्होंने अपने समर्थक मंत्रियों को हमेशा निर्देश दिया था कि वे सीधे मुख्यमंत्री से बात करें, क्योंकि वे खुद किसी भी सरकारी फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

“सम्मान और स्वाभिमान की एक सीमा होती है”

बगावत की वजह पर सिंधिया ने कहा कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने ग्वालियर-चंबल सहित कई क्षेत्रों में विकास का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद जब उन्होंने इन मुद्दों को उठाया, तो उन्हें नजरअंदाज किया गया।

उन्होंने कहा, “बंद कमरों में मेरे और परिवार के खिलाफ बातें कही गईं, लेकिन मैंने अनदेखा किया। जब सार्वजनिक तौर पर मुझ पर टिप्पणियां की गईं और माफी भी नहीं मांगी गई, तो मुझे एक्शन लेना पड़ा। हर चीज की एक लिमिट होती है।”

सिंधिया ने यह भी जोड़ा कि कमलनाथ और दिग्विजय दोनों से उनके परिवार के पुराने रिश्ते रहे हैं। कमलनाथ को वह बचपन से “कमल अंकल” कहकर बुलाते थे और दिग्विजय उनके पिता के करीबी मित्र थे। बावजूद इसके, सम्मान और स्वाभिमान से समझौता उनके लिए असंभव था।

दिग्विजय का दावा

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार गिरने की वजह वैचारिक मतभेद नहीं बल्कि कमलनाथ और सिंधिया के बीच व्यक्तिगत टकराव थे। उन्होंने खुद को जिम्मेदार ठहराने से इनकार किया और कहा कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि सिंधिया पार्टी छोड़ सकते हैं। दिग्विजय ने यहां तक खुलासा किया कि एक उद्योगपति के जरिए समझौते की कोशिश भी हुई थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हुई।

कमलनाथ का पलटवार

दिग्विजय के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि सरकार गिरने की असली वजह सिंधिया की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा थी। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि सिंधिया को यह भ्रम था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं और इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस विधायकों को तोड़कर सरकार गिरा दी।

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