सांसदों को धक्का देना 'मर्दानगी' नहीं, क्या इसलिए सीखा कराटे? राहुल पर बरसे रिजिजू

Parliament scuffle: रिजिजू ने कहा कि संसद में तीखी नोकझोंक होती रहती है. लेकिन जब किसी घटना के कारण कोई घायल हो जाता है तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होता है.;

Update: 2024-12-20 15:10 GMT

Kiren Rijiju criticised Rahul Gandhi: संसद में गुरुवार को हुए धक्का-मुक्की कांड के बाद उपजा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर चोटिल करने का आरोप लगाया है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने संसद के बाहर सांसदों के बीच हुई हाथापाई को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की आलोचना करते हुए कहा कि किसी सांसद को 'धक्का देना' मर्दानगी की निशानी नहीं है. बीजेपी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमित शाह की बीआर अंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर एनडीए (NDA) और इंडिया ब्लॉक (India Block) के सांसदों के विरोध प्रदर्शन के दौरान संसद परिसर के अंदर अपने दो सांसदों को धक्का दिया.

एक इंटरव्यू में रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि संसद में तीखी नोकझोंक होती रहती है. यह 1952 से ही होता आ रहा है. यह कोई नई बात नहीं है. लेकिन जब किसी घटना के कारण कोई घायल हो जाता है और पुलिस केस दर्ज होता है तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होता है. पुलिस कार्रवाई इसलिए की जाती है. क्योंकि दो सांसद घायल हो गए, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. यह टाला जा सकता था. विपक्ष के नेता को हाथापाई नहीं करनी चाहिए थी.

जापानी मार्शल आर्ट फॉर्म ऐकिडो में ब्लैक बेल्ट रखने वाले गांधी पर कटाक्ष करते हुए रिजिजू (Kiren Rijiju) ने पूछा कि क्या आपने अन्य सांसदों को हराने के लिए कराटे, कुंग फू सीखा है?

संसद में हुई थी धक्का-मुक्की

एनडीए (NDA) और इंडिया ब्लॉक (India Block) के सांसदों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के बाद संसद परिसर में हाथापाई शुरू हो गई थी. तीखी नोकझोंक के कारण दो सांसद घायल हो गए. संसद परिसर में हुई हाथापाई को लेकर भाजपा और कांग्रेस द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के बाद राजनीतिक टकराव और बढ़ गया. इस बीच शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन संसद की कार्यवाही शुरू होने पर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी दलों के बीच गुरुवार को हुए विवाद के बाद आपसी कटुता बनी रही. जिसके कारण लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

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