पीएम मोदी के 'मोनोपोली मॉडल' ने नौकरियां छीन लीं, तबाह हो गए MSME: राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "एकाधिकार मॉडल" ने देश में नौकरियां छीन ली हैं.

Update: 2024-09-27 15:27 GMT

Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "एकाधिकार मॉडल" ने देश में नौकरियां छीन ली हैं. उन्होंने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी को सरल बनाने और बैंकिंग प्रणाली को छोटे कारोबार के लिए खोलने की बात कही.

जम्मू में अखिल भारतीय व्यावसायिक कांग्रेस (एआईपीसी) द्वारा आयोजित "डोगरी धाम विद आरजी" कार्यक्रम का एक वीडियो साझा करते हुए गांधी ने एक्स पर कहा कि जम्मू और कश्मीर के एक युवा स्टार्ट-अप मालिक की आंखों में निराशा भारत में अधिकांश उद्यमियों और छोटे व्यवसाय मालिकों के संघर्ष को दर्शाती है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा की मोदी के एकाधिकार मॉडल ने नौकरियां छीन ली हैं. एमएसएमई को तबाह कर दिया है और लोगों को अवसरों से वंचित कर दिया है.

उन्होंने कहा कि खराब जीएसटी और नोटबंदी जैसी अक्षम नीतियों के माध्यम से छोटे और मध्यम उद्योगों पर व्यवस्थित हमले ने भारत को उत्पादक अर्थव्यवस्था से उपभोक्ता अर्थव्यवस्था में बदल दिया है. इस दर पर हम न तो चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और न ही सभी भारतीयों के लिए समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं. भारत इससे बेहतर का हकदार है. हमें जीएसटी को सरल बनाना होगा और व्यापक अवसर एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए बैंकिंग प्रणाली को छोटे व्यवसायों के लिए खोलना होगा.

गांधी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में कांग्रेस नेता सभा को यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण यह है कि रोजगार का मूल ढांचा, जो कि छोटे और मध्यम व्यवसाय हैं, पांच से 10 बड़े एकाधिकारों के गंभीर हमले के अधीन हैं. इन बड़े एकाधिकारों का राजनीतिक व्यवस्था पर नियंत्रण है और वे आप पर व्यवस्थित हमला कर रहे हैं. इसका जवाब क्या है? इसका जवाब है जीएसटी का नया स्वरूप, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बैंकिंग सहायता, लघु एवं मध्यम उद्योगों को तकनीकी सहायता. भारत में कौशल एवं क्षमताओं का विशाल समूह है. ये विभिन्न समूहों में हैं.

उन्होंने कहा कि अगर मैं जम्मू आता हूं तो मुझे यकीन है कि वहां कुछ ऐसी चीजें होंगी, जिनमें आप विशेषज्ञ होंगे. कुछ ऐसे कौशल होंगे, जो आपके पास होंगे. उन कौशलों को वित्त, प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ना और जमीनी स्तर पर उद्योगों का निर्माण करना ही आगे बढ़ने का रास्ता है. हम लोगों को रोजगार देंगे.

इस कार्यक्रम में गांधी ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रमुख नीतिगत प्रस्तावों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए पूंजी तक बेहतर पहुंच, निर्यात प्रोत्साहन और व्यवसायों पर कर-संबंधी बोझ को कम करने के उपाय शामिल हैं.

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