मौका मिलते ही कांग्रेस खेलती है दलित कार्ड, चिराग पासवान ने साधा निशाना
लोकसभा स्पीकर के लिए अब चुनाव होगा. कांग्रेस ने दलित समाज से आने वाले के सुरेश को मैदान में उतारा है. इस मामले में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कांग्रेस पर निशाना साधा है.
LokSabha Speaker Election News: केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सहयोगी चिराग पासवान ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस द्वारा ‘‘दलित कार्ड’’ खेलने पर कटाक्ष किया और दावा किया कि विपक्षी पार्टी जब भी किसी चुनाव में अपनी हार निश्चित मान लेती है तो यह हथकंडा अपनाती है।लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता ने एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में कहा कि जब कांग्रेस नीत विपक्ष को पता था कि वह 2002 में उपराष्ट्रपति चुनाव हार जाएगा, तो उसने दलित नेता सुशील कुमार शिंदे को मैदान में उतारा।
कांग्रेस सिर्फ कर रही राजनीति
पासवान ने कहा कि जब संख्या बल भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पक्ष में था, तो उसने दलित समुदाय से आने वाली एक अन्य कांग्रेस नेता मीरा कुमार को 2017 में राष्ट्रपति पद के लिए अपनी पसंद बताया था जो निर्वाचित हुए थे।पासवान ने कहा कि 'अब, जब लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में उसके पास स्पष्ट रूप से संख्या नहीं है, तो उसने कांग्रेस के दलित नेता के सुरेश को उम्मीदवार बनाया है।' 'क्या दलित नेता विपक्ष के लिए केवल प्रतीकात्मक उम्मीदवार हैं?'' पासवान खुद दलित समुदाय से आते हैं।सुरेश, सत्तारूढ़ एनडीए के ओम बिरला के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष के लिए विपक्ष की पसंद हैं, जिनके पास निचले सदन में बहुमत है।
डिप्टी स्पीकर पर ठन गई
पहले इस तरह की खबर आई थी कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पर सत्ता और विपक्ष में सहमति बन चुकी है. लेकिन मंगलवार की सुबह कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ट्वीट से एक बात साफ हो गई कि मामला उलझ गया है. उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो कहते कुछ और करते कुछ हैं. बता दें कि विपक्ष की मांग थी कि स्पीकर सत्ता पक्ष और उपाध्यक्ष विपक्ष से हो. बता दें कि 2014 से लेकर 2024 तक लोकसभा में उपाध्यक्ष नहीं था. दरअसल उस समय विपक्ष के पास संख्या बल की कमी थी. इसे लेकर सत्ता पक्ष पर निशाना भी साधा जाता रहा.