महाकुंभ 2025 का समापन: 65 करोड़ लोगों का गवाह बना मेला, आयोजन पर एक नजर

Mahakumbh 2025 Prayagraj: महाकुंभ मेला हिन्दू संप्रदायों के विभिन्न ‘अखाड़ों’ का संगम होता है. जहां श्रद्धालु पवित्र नदियों में 'शाही स्नान' करते हैं.;

Update: 2025-02-26 17:27 GMT

Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ हो गया. आखिरी दिन भी करोड़ों लोगों ने पवित्र स्नान किया. यूपी के प्रयागराज में आयोजित विश्व का यह सबसे बड़ा धार्मिक मेला 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का साक्षी बना. इस महाकुंभ ने न केवल धार्मिक समागम के लिए बल्कि वायरल हस्तियों, दिलचस्प घटनाओं और कुछ दुखद हादसों के लिए भी सुर्खियां बटोरीं. यह मेला 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ था.

वायरल हस्तियां और हादसे

महाकुंभ मेला हिन्दू संप्रदायों के विभिन्न ‘अखाड़ों’ का संगम होता है. जहां श्रद्धालु पवित्र नदियों में 'शाही स्नान' करते हैं. यह आयोजन सिर्फ धार्मिक क्रियाओं तक सीमित नहीं है बल्कि यह सैकड़ों साधुओं और सन्यासियों को देखने का भी एक अवसर बन गया है. इस दौरान कई लोग वायरल हुए, जिन्होंने सोशल मीडिया से होते हुए मैन स्ट्रीम मीडिया में सुर्खियां बटोरी.

मोनालिसा

मध्य प्रदेश की 16 वर्षीय माला विक्रेत्री मोनालिसा अपने आकर्षक रूप और आंखों के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. उनका वीडियो वायरल होने के बाद लोग उनके साथ सेल्फी लेने के लिए दौड़ पड़े, जिससे उनकी सुरक्षा पर सवाल उठे. हालांकि, उन्होंने अफवाहों का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने 10 दिनों में ₹10 करोड़ कमाए थे. इसके बाद मोनालिसा को फिल्म का भी ऑफर मिला.

आईआईटी बाबा

अभय सिंह, जिन्हें ‘आईआईटी बाबा’ के नाम से जाना जाता है, पूर्व एयरोस्पेस इंजीनियर और अब शिव भक्त, सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने. उनके संवाद का तरीका और पत्रकारों के साथ उनका रोचक इंटरएक्शन लोगों को आकर्षित करता रहा, जिससे उन्होंने अपने जीवन को विज्ञान और अध्यात्म के सम्मिलन के रूप में प्रस्तुत किया.

भगदड़

महाकुंभ मेला कई दुखद घटनाओं का भी गवाह बना. इनमें से सबसे बड़ी भगदड़ 29 जनवरी को संगम क्षेत्र में हुई, जिसमें 30 लोग मारे गए और 60 से अधिक घायल हुए. यह हादसा मौनी अमावस्या के दिन हुआ, जब लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए एकत्र हुए थे. इसके अलावा 15 फरवरी को दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर भी भगदड़ मची, जिसमें 18 लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हुए। यह घटना उस समय हुई जब कुछ यात्री फुटओवर ब्रिज से उतरते वक्त फिसलकर गिर गए.

आगजनी

महाकुंभ मेला क्षेत्र में कई आग की घटनाएं भी घटीं. हालांकि इनमें से कोई भी हादसा जान-माल के नुकसान का कारण नहीं बना. सबसे बड़ी आग 19 जनवरी को लगी, जब एक सिलेंडर फटने से सेक्टर 19 में भीषण आग भड़क उठी. हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. एक और आग 25 जनवरी को लगी, जब दो कारें सेक्टर 2 में आग का शिकार हुईं. लेकिन इसमें भी कोई हताहत नहीं हुआ.

राजनीतिक विवाद और जल गुणवत्ता पर सवाल

महाकुंभ मेले में राजनीति भी हावी रही. विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कुंभ के प्रबंधन में नाकामी का आरोप लगाया. विशेष रूप से, 29 जनवरी की भगदड़ के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे 'मृत्युकुंभ' करार दिया. इस दौरान जल गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठे. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने हाल ही में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) को सूचित किया कि संगम के कुछ स्थानों पर जल की गुणवत्ता स्नान के लिए निर्धारित मानकों से नीचे थी. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संगम का जल स्नान और आचमन दोनों के लिए उपयुक्त था.

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