मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन: 4.88 किमी सुरंग का काम पूरा, जानिए प्रोजेक्ट से जुड़ी हर बात
ठाणे में सुरंग ब्रेकथ्रू भारत के बुलेट ट्रेन सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक और मजबूत कदम है। दिसंबर 2027 तक ट्रेन की शुरुआत की उम्मीद है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को ठाणे के पास 4.88 किलोमीटर लंबी सुरंग का अंतिम चरण पूरा होने पर ‘ब्रेकथ्रू’ की शुरुआत की। रेल मंत्री ने सुरंग के एक छोर पर जाकर बटन दबाया, जिससे कंट्रोल डायनामाइट विस्फोट के जरिए सुरंग की अंतिम परत को तोड़ा गया और लगभग 5 किलोमीटर की खुदाई कार्य को पूरा किया गया।
घनसौली से शिलफाटा के बीच सुरंग
यह सुरंग महाराष्ट्र में घनसौली और शिलफाटा के बीच बनाई गई है और यह भारत की पहली अंडरसी (समुद्र के नीचे) सुरंग का हिस्सा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए एक बड़ा मील का पत्थर! ठाणे क्रीक के नीचे भारत की पहली अंडरसी सुरंग के 4.88 किमी सेक्शन में सफलता मिली है। उन्होंने सुरंग निर्माण में लगे सभी इंजीनियरों और श्रमिकों को बधाई दी और 'भारत माता की जय' के नारों के बीच इस क्षण को ऐतिहासिक बताया।
पहला चरण दिसंबर 2027 तक होगा पूरा
मीडिया से बात करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि सूरत से बिलीमोरा तक की 50 किमी लंबी पहली लाइन दिसंबर 2027 तक तैयार हो जाएगी। रेल मंत्री ने बताया कि यह सुरंग कुल 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का हिस्सा है, जिसमें से 7 किमी समुद्र के नीचे है। इस सुरंग का निर्माण अफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Afcons Infrastructure Ltd.) कर रही है।
कंपनी ने बताया कि सुरंग निर्माण के दौरान डेक्कन ट्रैप की कठोर चट्टानों, अल्प मिट्टी परत और यूटिलिटी लाइनों जैसी चुनौतियों का सामना किया गया। लेकिन सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। अधिकारियों के अनुसार, सुरंग की खुदाई ‘ड्रिल एंड ब्लास्ट’ तकनीक से की गई थी। अब आगे के कार्यों में टनल बोरिंग मशीन (TBM) का इस्तेमाल किया जाएगा।
भारत की पहली बुलेट ट्रेन
- यह हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किमी लंबा है।
- ट्रेन की अधिकतम रफ्तार होगी 320 किमी/घंटा, जिससे सफर केवल 2 घंटे 7 मिनट में पूरा हो सकेगा (सीमित स्टॉप के साथ)।
- इस मार्ग पर 12 स्टेशन होंगे — 8 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में।
स्टेशन सूची
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC), ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद, साबरमती। यह रेल परियोजना बोइसर, भरूच, अंकलेश्वर और वधावन पोर्ट जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को भी जोड़ेगी।
परियोजना की लागत और फंडिंग
कुल अनुमानित लागत: ₹1,08,000 करोड़ (लगभग $17 अरब, टैक्स छोड़कर)। इस प्रोजेक्ट को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) की मदद से फंड किया जा रहा है। 81% लागत जापान सरकार दे रही है, बाकी भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
फंडिंग संरचना
भारत सरकार (रेल मंत्रालय) — 50%
महाराष्ट्र सरकार — 25%
गुजरात सरकार — 25%
इस परियोजना के लिए 50 वर्षों की अवधि का ODA लोन मिला है, जिसमें 15 साल का मोरेटोरियम शामिल है। रेल मंत्री ने कहा कि यह प्रोजेक्ट सिर्फ भारत की परिवहन व्यवस्था में क्रांति नहीं लाएगा, बल्कि मुंबई और गुजरात की अर्थव्यवस्थाओं को भी जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।