नीति आयोग की बैठक में विवाद, गुस्से में बाहर आईं ममता
निति आयोग की बैठक में शामिल हुई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुस्से में बाहर निकलीं. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात नहीं रखने दी और माइक बीच में ही बंद कर दिया जबकि चन्द्र बाबू नायडू को 20 मिनट तक बोलने दिया
Niti Ayog Meeting: पश्चिम बंगाल की मुख्मंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. इस बार उनका गुस्सा निति योग की बैठक में फूटा और वो गुस्से में आग बबूला होकर बैठक को बीच में ही छोड़ कर बाहार आ गयीं. बाहर आकर उन्होंने ये आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया.
दिल्ली में नीति आयोग की बैठक को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट ही बोलने की इजाजत मिली. मुझसे पहले जिन लोगों ने बोला वो 10-20 मिनट तक बोले. विपक्ष की तरफ से मैंने अकेले इस बैठक में हिस्सा लिया. लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई. ये अपमानजनक है."
ममता बनर्जी ने आरोप लगते हुए कहा कि चन्द्र बाबू नायडू को लगभग 20 मिनट तक बोलने का मौका दिया गया लेकिन मुझे नहीं. उन्होंने कहा कि ये हाल तब है जब विपक्ष की तरफ से कोई अन्य मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल होने नहीं आया. ये सिर्फ और सिर्फ अपमान है और कुछ नहीं.
पहले ही जता चुकी थीं मंशा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में नीति आयोग की बैठक हो रही है. इस बात की आशंका पहले से थी कि ममता बनर्जी अपने तल्ख़ तेवर दिखा सकती हैं, क्योंकि कोलकाता से दिल्ली रवाना होने से पहले ही ममता बनर्जी ने अपने इरादों को जाहिर कर दिया था. उन्होंने कोलकाता एयरपोर्ट पर कहा था, ‘मौका मिला तो मैं बैठक में गैर-NDA शासित राज्यों के साथ बजट में किए गए भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाऊंगी. साथ ही बंगाल और उसके पड़ोसी राज्यों को विभाजित करने की साजिश पर भी बोलूंगी. यदि मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया, तो मैं बैठक से बाहर आ जाऊंगी.’