'भारतीय मामलों में विदेशी दखल चिंताजनक', USAID फंडिंग पर विदेश मंत्रालय का पहला रिएक्शन
Donald Trump के नए बयान ने भारत में एक नया राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह "गंभीर चिंता" का विषय है.;
MEA reacts to Donald Trump USAID statement: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग को लेकर बयान दिया है. अब इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका प्रशासन द्वारा फंडिंग को लेकर जारी की गई सूचना "गंभीर चिंता" का विषय है. भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी दखल चिंताजनक है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी सहायता फंड का इस्तेमाल भारत के चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए किया जा रहा है. ट्रंप के इस बयान के बाद भारत में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.
एलोन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने यह खुलासा किया था कि USAID ने भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग को 21 मिलियन डॉलर का योगदान दिया था. 16 फरवरी को DOGE ने उन वस्तुओं की सूची जारी की थी, जिन पर अमेरिकी डॉलर खर्च किए जाने थे. इस सूची में "भारत में मतदाता भागीदारी के लिए 21 मिलियन डॉलर" भी था. DOGE ने यह भी नोट किया कि इन सभी वस्तुओं को रद्द कर दिया गया है. इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप की यब टिप्पणियां आईं थी.
वहीं, ट्रंप के बयान के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ अमेरिकी गतिविधियों और वित्त पोषण के बारे में जो जानकारी दी गई है, उसे देखा है. ये स्पष्ट रूप से बहुत चिंताजनक हैं. इसने भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता पैदा की है. संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं. इस समय सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. इसलिए संबंधित अधिकारी इस पर विचार कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम इस पर जल्द ही एक अपडेट दे सकेंगे.
बीजेपी बनाम कांग्रेस
डोनाल्ड ट्रंप के नए बयान ने भारत में एक नया राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. बीजेपी के IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि यह पैसा भारत में "डीप-स्टेट एसेट्स" को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. जो ऐसी खुलासों को बचाने और मोड़ने के लिए काम करते हैं.
वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पलटवार करते हुए कहा कि पिछले एक सप्ताह से एक कहानी चल रही है कि USAID ने नरेंद्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए. अगर इतने सारे सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने 21 मिलियन डॉलर को भारत में आने दिया तो यह शर्म की बात है. साथ ही, जब मोदी सरकार से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह पैसा 2012 में UPA शासन के दौरान आया था. ऐसी स्थिति में क्या बीजेपी ने 2014 में इस पैसे से चुनाव जीता था?