रियो में पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश, ब्रिक्स को चाहिए मूल्यों आधारित दिशा
ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने जलवायु न्याय और वैश्विक स्वास्थ्य पर भारत का दृष्टिकोण रखा। 2026 में भारत ब्रिक्स को "मानवता पहले" दृष्टिकोण से रूपांतरित करेगा।;
BRICS 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, और जलवायु न्याय जैसे मुद्दों पर भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करते हुए संगठन को एक जन-केंद्रित और मानवता पहले के सिद्धांत पर आधारित नए स्वरूप में प्रस्तुत करेगा।
केवल ऊर्जा नहीं, जीवन का सवाल
ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि भारत के लिए जलवायु परिवर्तन सिर्फ ऊर्जा का मामला नहीं, बल्कि यह प्रकृति और जीवन के बीच संतुलन से जुड़ा एक नैतिक विषय है। उन्होंने कहा, “जलवायु न्याय भारत के लिए एक जिम्मेदारी है, विकल्प नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स जैसे मंच को इन वैश्विक संकटों पर ठोस और समन्वित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
भारत की हरित प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत की विभिन्न वैश्विक पहलों का उल्लेख किया, जिनमें शामिल हैं अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA),आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI).वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन,बिग कैट्स गठबंधन,मिशन लाइफ (LiFE), उन्होंने भारत की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि हम विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन को लेकर गंभीर हैं।
‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’
मोदी ने भारत के स्वास्थ्य दृष्टिकोण की भी सराहना की और कहा कि “हमने ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के मंत्र को अपनाया और कोविड महामारी के दौरान दुनिया के कई देशों की मदद की। उन्होंने भारत की डिजिटल स्वास्थ्य योजनाओं की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि भारत इन्हें वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही, उन्होंने सामाजिक रूप से निर्धारित बीमारियों को समाप्त करने हेतु ब्रिक्स साझेदारी के निर्णय का स्वागत किया।
भारत की अध्यक्षता में नया दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करते हुए संगठन को क्षमता निर्माण, सहयोग और सतत विकास के लिए नवाचार का मंच बनाने की दिशा में काम करेगा। उन्होंने कहा, “जैसे भारत ने G-20 की अध्यक्षता में वैश्विक दक्षिण की आवाज को प्राथमिकता दी, वैसे ही हम ब्रिक्स में भी 'मानवता पहले' की भावना से आगे बढ़ेंगे।भारत अब ब्रिक्स जैसे मंचों को केवल आर्थिक या रणनीतिक सहयोग तक सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि इंसानियत और प्रकृति के समन्वय को केंद्र में रखकर एक सर्वसमावेशी वैश्विक बदलाव की दिशा में बढ़ना चाहता है।