NDA बनाम INDIA गठबंधन : देश के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज मतदान,आज ही परिणाम
एनडीए और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के पास मिलाकर 429 सांसद सीपी राधाकृष्णन के समर्थन में हैं, जबकि विपक्ष के 324 सांसद रेड्डी का समर्थन कर रहे हैं।;
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव होआज ने जा रहा है। यह बैलेट की लड़ाई न सिर्फ सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ताकत और एकजुटता की परीक्षा लेगी, बल्कि विपक्षी इंडिया गठबंधन की भी। हालांकि, एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी पर जीत लगभग तय मानी जा रही है।
फिर भी, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजद) और के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के चुनाव से दूर रहने की घोषणा के बाद जीत का अंतर छोटा रहने की संभावना है। बीजद के 7 और बीआरएस के 4 सांसद हैं।
एनडीए और वाईएसआरसीपी मिलाकर 429 सांसदों का समर्थन राधाकृष्णन को है, जबकि विपक्ष के 324 सांसद रेड्डी के साथ हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा किया जाएगा, जो निर्वाचन मंडल का हिस्सा हैं। कुल 786 वोट हैं लेकिन वर्तमान प्रभावी संख्या 781 है। 11 सांसद मतदान से दूर रहेंगे। जो भी उम्मीदवार कम से कम 386 वोट हासिल करेगा, उसे विजेता घोषित किया जाएगा।
मतदान सुबह 10 बजे से नए संसद भवन के वसुधा हॉल में शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा। यह पहली बार है जब यह चुनाव पुराने संसद भवन (अब संविधान सदन) की बजाय नए संसद भवन में होगा।
राज्यसभा सचिवालय ने कहा— “मतदान 9 सितम्बर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा और परिणाम मंगलवार को ही घोषित कर दिए जाएंगे।”
दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त मेहनत की है कि उनके सभी सांसद वोट डालें। विशेष टीमों की नियुक्ति की गई है। टीएमसी के दो सांसद—सुदीप बंद्योपाध्याय और सौगत राय—जो स्वास्थ्य कारणों से पूरे मानसून सत्र में नहीं आए थे, उन्हें कोलकाता से लाया गया है ताकि कोई वोट व्यर्थ न जाए। सोमवार को दोनों पक्षों ने अपने सांसदों को मतदान प्रक्रिया समझाने के लिए मॉक ड्रिल भी कराई।
आप (AAP) के सांसद विपक्ष की इस मॉक ड्रिल में शामिल नहीं हुए, उन्होंने पंजाब में बाढ़ की स्थिति का हवाला दिया। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि आप सांसद मंगलवार को मौजूद रहेंगे। आप के पास कुल 12 सांसद हैं (राज्यसभा 9, लोकसभा 3)।
विश्लेषकों ने क्रॉस वोटिंग की संभावना से इनकार नहीं किया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, जो कोटा-बूंदी सीट से सांसद हैं, वो भी मतदान करेंगे।
निर्वाचन मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं। इसीलिए राज्यसभा के नामित सदस्य भी मतदान करने के पात्र हैं।
विपक्ष ने इस चुनाव को संविधान बनाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की लड़ाई करार दिया है, वहीं भाजपा ने रेड्डी पर हमले तेज कर दिए हैं। चुनाव पूर्व संध्या पर भाजपा ने रेड्डी को राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से समर्थन मांगने को लेकर निशाना बनाया। यादव चारा घोटाले में दोषी ठहराए जा चुके हैं।
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि रेड्डी, जो खुद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं, एक दोषी राजनेता से समर्थन मांगकर पाखंड कर रहे हैं। उन्होंने कहा, एक ओर रेड्डी “राष्ट्र की आत्मा बचाने” की बात करते हैं और संसद को “लोकतंत्र का मंदिर” कहते हैं, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी नेता से समर्थन मांगते हैं।
वकीलों के एक समूह ने भी रेड्डी के इस कदम का विरोध किया है। आठ पूर्व न्यायाधीशों ने रेड्डी की आलोचना की और कहा— “लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में लगभग 940 करोड़ रुपये के गबन के दोषी हैं। वे न सांसद हैं, न उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के पात्र। ऐसे में यह मुलाकात राजनीतिक रूप से उचित नहीं कही जा सकती।”
हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं—बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व जज एस.एम. खंडेपारकर और अम्बादास जोशी, झारखंड हाई कोर्ट के आर.के. मार्थिया, इलाहाबाद हाई कोर्ट के देवेंद्र कुमार आहुजा और केरल हाई कोर्ट के पी.एन. रविन्द्रन आदि।
इससे पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने भी रेड्डी के साल 2011 के सलवा जुडूम फैसले की आलोचना की थी, जिसमें रेड्डी ने कहा था कि आदिवासी युवाओं को हथियारबंद कर “विशेष पुलिस अधिकारी” घोषित करना “गैरकानूनी” और “असंवैधानिक” है। शाह ने कहा था कि इस फैसले ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया।
यह चुनाव तब आवश्यक हुआ जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को नाटकीय ढंग से इस्तीफा दे दिया। कुछ घंटे पहले ही उन्होंने विपक्ष द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग नोटिस को स्वीकार किया था, जिससे सरकार नाराज़ हो गई थी।
सोमवार को मतदान क्षेत्र को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया। सांसदों, अधिकारियों और कुछ मान्यता प्राप्त पत्रकारों के अलावा किसी को भी मतदान क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।