अमेरिका ने अपने नागरिकों को कश्मीर जाने से किया मना, ओमर अब्दुल्ला ने भारत सरकार को घेरा

अमेरिकी यात्रा परामर्श में अमेरिकियों को आतंकी हमलों के चलते कश्मीर, भारत-पाक सीमा तथा मध्य और पूर्वी भारत के उन हिस्सों की यात्रा करने से आगाह किया गया है, जहां माओवादी सक्रिय हैं।

Update: 2024-07-25 12:49 GMT

Kashmir Politics: अमेरिकी सरकार द्वारा अमेरिकी नागरिकों के लिए जारी की गयी एडवाइजरी में दी गयी एक चेतावनी पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार पर सवाल उठाये हैं. उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के मोदी सरकार के दावे पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए आये दिन हो रहे आतंकी हमलों के बारे में चिंता जाहिर की है और सुरक्षा इंतजामों को लेकर पूछा है. दरअसल अमेरिकी सरकार ने अमेरिकी नागरिकों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 'वे भारत के कुछ अन्य हिस्सों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की यात्रा न करें'.

अमेरिकी सरकार ने एक अमेरिकी यात्रा परामर्श में अपने नागरिकों से मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, भारत-पाकिस्तान सीमा तथा देश के मध्य और पूर्वी भागों की यात्रा न करने को कहा गया है, जहां नक्सलवादी सक्रिय हैं.

उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार को घेरा
अमेरिका द्वारा जारी की गयी इस चेतावनी में भारत को लेवल 2 पर रखा गया है, जिसके तहत अमेरिकियों से अधिक सावधानी बरतने की अपेक्षा जताई गयी है, लेकिन कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों को लेवल 4 पर रखा गया है, जिसके तहत केवल यात्रा पर प्रतिबंध है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "अमेरिकी नागरिकों को जम्मू-कश्मीर न जाने के लिए कहने वाले परामर्श में 'आतंकवादी हमलों' और 'हिंसक नागरिक अशांति' के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर भारतीय और पाकिस्तानी बलों के बीच 'छिटपुट हिंसा' की ओर इशारा किया गया है." उन्होंने कहा, " 'नया जम्मू-कश्मीर' के लिए इतना ही काफी है. सामान्य स्थिति, शांति, पर्यटन और श्रीनगर में जी-20 तमाशा की तमाम बातों के बावजूद, जम्मू-कश्मीर अमेरिकी विदेश विभाग की यात्रा सलाह का लक्ष्य बना हुआ है. मोदी सरकार कुछ भी बदलने में सक्षम नहीं है."

'कश्मीर से बचें, लद्दाख ठीक है'
बुधवार को भारत के लिए संशोधित यात्रा परामर्श में विदेश विभाग ने कहा: "अपराध और आतंकवाद के कारण भारत में अधिक सावधानी बरतें. कुछ क्षेत्रों में जोखिम अधिक है." इस परामर्श में अमेरिकियों से कहा गया है कि वे आतंकवाद और नागरिक अशांति के कारण लद्दाख और उसकी राजधानी लेह को छोड़कर जम्मू और कश्मीर की यात्रा न करें. इस परामर्श में सशस्त्र संघर्ष की संभावना के कारण अमेरिकी नागरिकों से भारत-पाकिस्तान सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे में न आने को भी कहा है.

कश्मीर में बढ़ती हिंसा
ये परामर्श जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकवादी हमलों के बीच जारी किया गया है. पिछले सप्ताह जम्मू के डोडा क्षेत्र में आतंकवादियों से लड़ते हुए चार सैनिक शहीद हो गए थे. जून में रियासी जिले में एक बस पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में नौ हिंदू तीर्थयात्री मारे गए थे.

क्या मतलब होता है खतरे के स्तर से
विदेश विभाग के वर्गीकरण में, स्तर 1 का खतरा सामान्य सावधानी बरतने से संबंधित है. स्तर 2 का खतरा अधिक सावधानी बरतने से संबंधित है. स्तर 3 का खतरा यात्रा पर पुनर्विचार करने से संबंधित है और स्तर 4 का खतरा बिल्कुल भी यात्रा न करने से संबंधित है.

मणिपुर जाने के प्रति सावधानी
भारत के अन्य क्षेत्र जहां अमेरिकियों को नहीं जाने के लिए कहा गया है, उनमें मणिपुर भी शामिल है, जो कई महीनों से जातीय हिंसा से प्रभावित है, तथा मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्से भी चेतावनी की लिस्ट में शामिल हैं, जहां माओवादियों पर आतंकवाद का आरोप है. चेतावनी/परामर्श में कहा गया है, "हिंसा और अपराध के खतरे के कारण मणिपुर की यात्रा न करें. जातीय-आधारित नागरिक संघर्ष के कारण व्यापक हिंसा और सामुदायिक विस्थापन की खबरें मिली हैं. भारत सरकार के ठिकानों पर हमले नियमित आधार पर होते रहते हैं." इसने आतंकवाद और हिंसा के कारण अमेरिकियों को पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा पर पुनर्विचार करने की भी सिफारिश की.

बलात्कार, हिंसक अपराध
चेतावनी/परामर्श में कहा गया है, "भारतीय अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार भारत में सबसे तेजी से बढ़ते अपराधों में से एक है. यौन उत्पीड़न जैसे हिंसक अपराध पर्यटक स्थलों और अन्य स्थानों पर हुए हैं. आतंकवादी बिना किसी चेतावनी के या बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं. वे पर्यटक स्थलों, परिवहन केंद्रों, बाजारों/शॉपिंग मॉल और सरकारी सुविधाओं को निशाना बनाते हैं." ये अशांत क्षेत्र पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना से लेकर पश्चिमी पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं. इसमें कहा गया है कि अमेरिकी सरकार के पास भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अमेरिकी नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है.

अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष परमिट
परामर्श में कहा गया है कि अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों को इन क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए विशेष अनुमति लेने को कहा गया है. इसमें कहा गया है कि माओवादी समूह या नक्सलवादी भारत के एक बड़े क्षेत्र में सक्रिय हैं, जो पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना से लेकर पश्चिमी पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है. इसमें कहा गया है कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ और झारखंड के ग्रामीण इलाकों में भारत सरकार के अधिकारियों पर हमले छिटपुट रूप से होते रहते हैं.
इसमें कहा गया है कि नक्सलियों ने स्थानीय पुलिस, अर्धसैनिक बलों और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाकर कई आतंकवादी हमले किए हैं. भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेवल 3 दिया गया है, जिसका अर्थ है कि लोगों को यात्रा पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. इसमें कहा गया है, "जातीय विद्रोही समूह कभी-कभी पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में हिंसा की वारदातों को अंजाम देते हैं. इन घटनाओं में बसों, ट्रेनों, रेल लाइनों और बाजारों में बम विस्फोट शामिल हैं."


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