INDIA ब्लॉक की आज बड़ी बैठक, साथ या सिर्फ दिखावा?
प्रमुख गठबंधन प्रमुखों की भागीदारी देखने के लिए आज ऑनलाइन बैठक होगी। इसमें मानसून सत्र से पहले संसदीय रणनीति और विपक्षी मोर्चे के भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।;
एक साल से अधिक समय के बाद इंडिया ब्लॉक के दलों के शीर्ष नेताओं की आज 19 जुलाई शाम को एक अहम ऑनलाइन बैठक होने जा रही है, जिसमें देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर बातचीत की जाएगी। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सरकारी आवास में होने वाली थी। लेकिन व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इसे आनलाइन फॉर्मेट में स्थानांतरित किया गया है।
बैठक में नहीं AAP
आप (AAP), जो दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक से अलग हो चुका था, इस बैठक में शामिल नहीं होगा। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अन्य सभी सहयोगी दल – समाजवादी पार्टी (SP), DMK, RJD, JMM, शिव सेना (UBT), NCP-SP और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने या तो बैठक में हिस्सा लेने की पुष्टि की है या प्रतिनिधि भेजने का भरोसा दिया है।
TMC की भागीदारी
शुरुआत में आमंत्रण ठुकराने वाली TMC प्रमुख ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होंगी। उनकी मौजूदगी कांग्रेस के लिए राहत की बात है। क्योंकि महीनों विवादों के बीच टीएमसी ने कांग्रेस की राष्ट्रीय नेतृत्व भूमिका पर सवाल उठाए थे। अब उनके साथ भाजपा के विपक्षी मोर्चे को मजबूती मिलेगी।
विपक्षी दलों का इशारा
बैठक में उम्मीद जताई जा रही है कि केवल संसद सत्र की रणनीति ही नहीं, बल्कि सांसदों ने कहा कि यह समय भीतरी आत्मावलोकन और भविष्य की दिशा तय करने की ज़रूरत है। एक वरिष्ठ कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह पूछना होगा कि क्या यह गठबंधन केवल संसद में रणनीति समन्वय के लिए है या अभी भी इसे वह मकसद याद है, जिसके लिए इसे बनाया गया था – यानी संसद के अंदर और बाहर भाजपा का मुकाबला करने के लिए?
गठबंधन की खोई लय
पिछले वर्ष गठबंधन की गति धीमी रहने लगी थी। बीजेपी के हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में हालिया चुनावों में शानदार प्रदर्शन ने विपक्षीय एकता चुनौतियों से जूझ रही है। विपक्षी नेताओं का मानना है कि आज की बैठक इसके लिए अच्छे संकेत दे सकती है, बशर्ते संयोजन केवल संसद तक ही सीमित न रहे।
बैठक का एजेंडा
बैठक में जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, उनमें शामिल हैं:-
* पहलगाम आतंकी हमला
* ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अचानक सीज़फ़ायर
* भारत-यूएस व्यापार विवाद और ट्रंप की धमकी
* बिहार चुनाव के दौरान विशेष निर्वाचन सूची संशोधन
* जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देना
* अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का अलगाव
* प्रत्येक सहयोगी दल के राज्य-विशेष मुद्दे (जैसे पानी, कृषि, बेरोज़गारी)
एक RJD सांसद ने कहा कि अगर दुर्बल होने की हमारी चुनौती सिर्फ सरकार को संसद में घेरने तक सीमित रही तो हम मूल से दूर हो जाएंगे। यह समय देश की बुनियादी लोकतांत्रिक चुनौतियों पर सभी दलों द्वारा सामूहिक रूप से कार्य करने का है – चाहे संसद का सत्र न चला हो।
राहुल गांधी की भूमिका पर उठे सवाल
कुछ सहयोगी दल राहुल गांधी की भूमिका पर आलोचक हैं, जिन्होंने हाल ही में CPM के खिलाफ टिप्पणी की थी। एक दक्षिण भारतीय सांसद ने कहा कि राहुल को जिम्मेदार होना चाहिए। क्योंकि अब इंडिया गठबंधन के विपक्षी नेतृत्व को बनाए रखने की जिम्मेदारी उनसे अधिक आशा रखी जा रही है।
केरल-बंगाल चुनाव
केरल और बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत गठबंधन के भीतर TMC-Left और Congress-Left के संबंधों में टकरावों की आशंका है। ऐसे समय में जुड़ाव बनाम विभाजन की यह बैठक गठबंधन के भविष्य के लिए निर्णायक साबित होगी।