हमारी लड़ाई किसी देश नहीं आतंकवाद के खिलाफ, US में भारत के राजदूत बोले
अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा ने कहा कि पाकिस्तान किस भूमिका में यह किसी से छिपी बात नहीं है। हम पहले से कहते रहे हैं आतंकवाद पर पूरजोर हमला की जरूरत है।;
अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा ने दो टूक शब्दों में कहा है कि भारत आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध में है और पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाकर उन “गिरोहबाजों और अमानवीय राक्षसों” को सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से में इन आतंकियों को छूट नहीं मिल सकती।
CNN को दिए एक विशेष साक्षात्कार में क्वात्रा ने कहा,“हम आतंक को जिस नजरिए से देखते हैं, वह पूरी तरह आतंकवाद का ढांचा है। 22 अप्रैल को जो हमला हुआ, वह अत्यंत जघन्य आतंकवादी कृत्य था।”क्वात्रा ने स्पष्ट किया कि भारत ने हाल ही में जो कदम उठाया, वह पूरी तरह जवाबदेही सुनिश्चित करने और आतंकियों को सजा देने के लिए था।
“हम आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में हैं, और हमने जो किया, वह पूरी तरह आतंक के प्रति हमारी सुनियोजित और संतुलित प्रतिक्रिया थी। हमारा प्रमुख उद्देश्य इन गिरोहबाज, अमानवीय राक्षसों को जवाबदेह बनाना और पीड़ितों को न्याय दिलाना था।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’: भारत की सटीक जवाबी कार्रवाई
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-ओक्यूपाइड कश्मीर (PoK) में नौ स्थानों पर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह जवाबी कार्रवाई उस हमले के खिलाफ थी जिसमें चार पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी। इस नृशंस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चे द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन है।
क्वात्रा ने कहा,“इन आतंकियों को किसी भी स्थिति में मुक्त घूमने देने का सवाल ही नहीं उठता। हमने उनके शिविरों, फैक्ट्रियों और इंटीग्रेटेड टेरर फैसिलिटीज़ पर सुनियोजित और सटीक हमला किया, जो वे पाकिस्तान और पीओके में संचालित कर रहे हैं।”
"भारत की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय समर्थन"
क्वात्रा ने बताया कि अमेरिका के कांग्रेस सदस्यों और सीनेटरों से लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक सभी ने भारत की इस कार्रवाई को जरूरी और न्यायोचित बताया है।“दुनिया समझती है कि आतंकवादियों को जवाबदेह ठहराना और पीड़ितों को न्याय देना अत्यंत आवश्यक है।”उन्होंने याद दिलाया कि 22 अप्रैल की घटना ही तनाव की शुरुआत थी जब चार पाकिस्तानी समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।
“उन्होंने धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को मार डाला, सभी गैर-मुसलमानों को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया।”कश्मीर में हालिया विस्फोटों पर सवाल किए जाने पर क्वात्रा ने कहा कि पाकिस्तान एक बार फिर आतंकियों के साथ खड़ा हो गया है।“वे उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें समर्थन दे रहे हैं। हमें इसमें कोई हैरानी नहीं होगी अगर वे खुद ही इन हमलों में शामिल हों। पाकिस्तान दुनिया को यही संदेश दे रहा है कि वह सभ्य दुनिया के साथ नहीं, आतंकियों के साथ है।”
क्वात्रा ने कहा,“पाकिस्तान का अस्तित्व ही ऐसे आतंकवादियों को तैयार करने और निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले संगठनों को समर्थन देने में विश्वास रखता है।”जब पाकिस्तान की ओर से इन हमलों में अपनी भूमिका से इनकार किया गया, तो क्वात्रा ने तीखा जवाब दिया:
“पाकिस्तान की रणनीति की पहली सीढ़ी हमेशा इनकार और बहकावा रही है। उनका एक खास तरीका है—वे अपने बीते अपराधों की जिम्मेदारी भविष्य में लेते हैं, वर्तमान में नहीं।”उन्होंने सवाल उठाया:“ओसामा बिन लादेन कहां मिला? अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल का हत्यारा कहां था? 26/11 के मुंबई हमलों के गुनहगार कहां पाए गए थे?”
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर क्वात्रा ने कहा,“हमारे नजरिए से हमने एक निष्कर्ष तक यह कार्रवाई पहुंचाई थी, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या पाकिस्तान ने भी ऐसा किया। दुर्भाग्य से पाकिस्तान ने तनाव को और बढ़ाया है, और अब भारत के लिए जवाब देना आवश्यक हो गया है।”जब उनसे पूछा गया कि क्या यह तनाव परमाणु युद्ध की ओर जा सकता है, तो क्वात्रा ने कहा,“दुनिया को असली चिंता इस बात की होनी चाहिए कि पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन जारी है। यही असली मुद्दा है। दुनिया को पाकिस्तान से कहना चाहिए कि वह आतंकियों का समर्थन बंद करे। यही सवाल का सार है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या मामला परमाणु हथियारों तक जा सकता है, तो उन्होंने दो टूक कहा,“यह सवाल आप पाकिस्तान से पूछिए।”भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवादियों को किसी भी स्तर पर बख्शेगा नहीं। ऑपरेशन सिंदूर न केवल जवाबी कार्रवाई थी, बल्कि यह स्पष्ट संदेश था कि भारत आतंक के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाने को तैयार है चाहे वह सीमा पार हो या सीमा के भीतर।