जुबां फिसली या कोई रणनीति, असदुद्दीन ओवैसी की सदस्यता रद्द करने की मांग

वकील हरिशंकर जैन ने राष्ट्रपति को पात्र लिखते हुए की ओवैसी की सदस्यता को अयोग्य करार देने की मांग. संविधान के आर्टिकल 102 का दिया हवाला. कहा विदेश के प्रति निष्ठा देश की अखंडता और संप्रुभता के लिए खतरा है.

Update: 2024-06-26 03:35 GMT

Owaisi Jai Palestine Row: हैदराबाद से लोकसभा सांसद असद्दुद्दीन ओवैसी द्वारा संसद भवन में शपथ लेने के दौरान जय फिलिस्तीन बोलने पर मचा हंगामा अभी शांत भी नहीं हो पाया था कि अब उनकी सदस्यता को रद्द करने की मांग भी कर दी गयी है. वकील हरिशंकर जैन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए मांग की है कि ओवैसी को अयोग्य करार दिया जाए. पत्र में संविधान के आर्टिकल 102 का हवाला देते हुए कहा है कि ओवैसी ने दुसरे देश के प्रति निष्ठा दिखाई है, जो उन्हें योग्य करार देने के लिए काफी है.

वकील हरिशंकर जैन ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि ओवैसी ने जिस मंच से शपथ ली, उसी मंच से शपथ लेने के तुरंत बाद ही जय फिलिस्तीन का नारा लगाया, जबकि फिलिस्तीन दूसरा देश है और भारत के किसी भी नागरिक की निष्ठा और अनुपालन का भाव नहीं हो सकता. 

संविधान के आर्टिकल 102 में ये स्पष्ट है कि अगर कोई व्यक्ति विदेश के लिए निष्ठा भाव दिखता है, चाहे वो संसद का सदस्य ही क्यों न हो, उसकी सदस्यता को अयोग्य करार देने में सक्षम है. आर्टिकल 102 ये प्रावधान देता है कि देश की अखंडता और संप्रुभता की रक्षा से लिए किसी ऐसे व्यक्ति को सदस्यता देने से रोका जाए जो विदेश के प्रति अपनी निष्ठा रखता है. 

विदेश के प्रति निष्ठा रखना बेहद ही गंभीर मामला है, जो हमारे देश की सुरक्षा के लिए खतरा भी है. इसलिए इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.





 



क्या हुआ था संसद में 

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में सांसद के रूप में शपथ ली. उन्होंने लोकसभा में शपथ लेने के दौरान जय भीम के नारे लगाये और फिर उसके तुरंत बाद ही जय फिलिस्तान का नारा लगाया. ये नारा सुनते ही सड़ने में हंगामा मच गया. सत्ता पक्ष में खलबली मच गई. उन्वेहोंने ओवैसी के नारे पर आपत्ति जताई. बीजेपी के एक नेता ने ये भी कहा कि इस नारे की वजह से ओवैसी की सदस्यता भी जा सकती है. 

ओवैसी ने ये कहते हुए किया बचाव

ओवैसी ने सदन से बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन कहने में कुछ गलत नहीं है. दूसरे सदस्य भी तो कह रहे थे. ये कैसे गलत हो सकता है. ओवैसी ने कहा कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान है क्या? दूसरे सांसदों ने क्या-क्या बोला है, एक बार वो भी सुनना चाहिए. मैंने आज वही कहा, जो कहना था. महात्मा गांधी का फिलिस्तीन के बारे क्या कहना था, वो भी एक बार पढ़ना चाहिए. ओवैसी ने कहा कि फिलिस्तीन के लोग उत्पीड़ित लोग हैं, इसलिए मैंने ये बोला.



 

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