क्या असीम मुनीर का बयान पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार,कश्मीर को बता चुके हैं गले की नस

जम्मू कश्मीर की शांति में खलल डालने के लिए पाकिस्तान की सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उस भड़काऊ बयान को जिम्मेदार बताया जा रहा जिसमें उन्होंने भारत के खिलाफ आग उगला था.;

Update: 2025-04-23 05:45 GMT
पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर

Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने घाटी में बड़े आतंकी हमले को अंजाम देते हुए 28 पर्यटकों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी. बीते कई वर्षों से घाटी में शांति थी. पर्यटक लगातार जम्मू कश्मीर में वहां की वादियों में घूमने आ रहे थे. पर सवाल उठता है ऐसा क्या हुआ जब जम्मू कश्मीर के दिल को आतंकियों ने दहला दिया जिसका नुकसान कश्मीर को होगा, वहां की अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ेगा. क्योंकि इसका असर स्थानीय लोगों की कमाई पर, उनके जीवन यापन पर और पर्यटकों के आने पर पड़ेगा.

जम्मू कश्मीर की शांति में खलल डालने के लिए पाकिस्तान की सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उस भड़काऊ बयान को जिम्मेदार बताया जा रहा जिसमें उन्होंने भारत के खिलाफ आग उगला था. जनरल असीम मुनीर ने बंटवारे के लिए टू नेशन थ्योरी को जायज ठहराया था. असीम मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान के लिए गले की नस बताया. इस्लामाबाद में आयोजित विदेशी में रहने वाले पाकिस्तानियों के सम्मेलन में जनरल मुनीर ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का वही पुराना राग अलापा. मुनीर ने कहा, हम अपने कश्मीरी भाइयों को भारत के कब्जे के खिलाफ उनके संघर्षों में अकेला नहीं छोड़ेंगे इसके साथ ही उन्होंने हिंदुओं और मुसलमान के बीच फर्क बताया और पाकिस्तानियों से अपनी अगली पीढ़ी को इस विचारधारा को सौंपने के लिए प्रेरित भी किया.

खुफिया सूत्रों के मुताबिक असीम मुनीर के बयान ने आग में घी डालने का काम किया है जिसके बाद लश्कर ए तैयबा को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हमला करने के लिए उकसाया है. यह हमला तब हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वंस भारत की यात्रा पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर गए हुए थे.

भारत की खुफिया एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि जनरल मुनीर के भड़काऊ भाषण के कारण लश्कर ए तैयबा के संगठन दि रेजिस्टेंस फ्रंट को इस अंजाम देने के लिए प्रेरित किया है. टीआरअफ ने इस हमले की जिम्मेदारी भी ली है. रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर तैयबा का शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद इस साजिश का सूत्रधार हो सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक रावल कोर्ट में सक्रिय दो अन्य लश्कर कमांडो की भूमिका की भी जांच की जा रही है जिसमें से एक का नाम अबू मूसा बताया गया है. 18 अप्रैल को अब मूसा ने रावलकोट में खुलेआम कहा था कि कश्मीर में सिर कलम होती रहेगी क्योंकि भारत कश्मीर की जनसंख्या को बदलना चाहता है इसलिए गैर कश्मीरी को डोमिसाइल सर्टिफिकेट दे रहा है. पहलगाम में हमले के दौरान कई पीड़ितों को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया जो कि नहीं पढ़ पाए उन्हें गोली मार दी गई. शुरुआती जांच के मुताबिक करीब 6 आतंकियों ने कुछ लोकल लोगों की मदद से इस हमले को अंजाम दिया है. इन आतंकियों ने कुछ दिन पहले ही इलाके में रेक्की की थी और इस हमले की फिराक में जुट गए थे.

कई जानकारों का मानना है कि यहां पर खुफिया एजेंसी से चूक हुई है. हमलावर मौके की तलाश में थे और सही समय देखकर वार किया और इस पूरे हमले का असर कश्मीर की अर्थव्यवस्था और वहां के पर्यटन इंडस्ट्री पर भी पढ़ने की संभावना जताई जा रही है. 

Tags:    

Similar News