''अगर पाकिस्तान ने फिर की कोई हिमाकत, तो हम दोबारा प्रहार करेंगे'', लोकसभा में बोले राजनाथ सिंह
'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने यह ऑपरेशन केवल "विराम" दिया है, समाप्त नहीं किया है।;
ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बहस की शुरुआत हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि हमने एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है। भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। ऑपरेशन सिंदूर और उससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक के ज़रिए हमने जो जवाब दिया, वो बहुत पहले ही दे दिया जाना चाहिए था, लेकिन चीज़ें तब होती हैं जब होनी होती हैं।
"आतंक का ढांचा तबाह"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "...पहलगाम हमले के तुरंत बाद, हमारे सशस्त्र बलों ने कार्रवाई की और नौ आतंकवादी बुनियादी ढाँचे स्थलों पर सटीकता से हमला किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और संचालक निशाना बने... हमारे सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सुव्यवस्थित हमलों ने 9 आतंकवादी बुनियादी ढाँचे के लक्ष्यों को सटीकता से मारा।"
उन्होंने कहा, "इस सैन्य अभियान में, यह अनुमान है कि सौ से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, संचालक और सहयोगी मारे गए। इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे।"
"आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस"
राजनाथ सिंह ने कहा,"पूरी दुनिया ने भारत की बहादुरी की तस्वीर तब देखी जब हमने चकलाला, सरगोधा, रहीम यार खान, सुक्कुर में पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला किया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें नष्ट करना और आतंकवाद के प्रति हमारी शून्य सहनशीलता का प्रदर्शन करना था।"
सीजफायर करने पर सफाई
उन्होंने कहा, "हमने ऑपरेशन रोक दिया क्योंकि हमारे सभी उद्देश्य पूरे हो गए थे। यह कहना बिल्कुल गलत है कि यह ऑपरेशन किसी प्रभाव में आकर रोका गया था।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "10 मई को जब हमने उनके हवाई ठिकानों पर हमला किया, तो पाकिस्तान ने हार मान ली और हमारे डीजीएमओ से युद्धविराम की गुहार लगाई।हमने मान लिया, लेकिन इस शर्त पर कि ऑपरेशन को केवल रोका गया है, रोका नहीं गया है।"
राजनाथ ने ये भी जोड़ा कि, "हमने स्पष्ट कर दिया कि अगर पाकिस्तान भविष्य में कोई दुस्साहस करता है, तो ऑपरेशन फिर से शुरू हो जाएगा।पाकिस्तान की हार कोई साधारण हार नहीं थी। यह सेना और मनोबल की हार थी।"
राजनाथ सिंह ने कहा कि "इस अभियान का उद्देश्य किसी क्षेत्र पर कब्ज़ा करना नहीं था।कुल मिलाकर राजनीतिक-सैन्य उद्देश्य आतंकवाद को ख़त्म करना था, युद्ध शुरू करना नहीं।"
सुदर्शन चक्र का जिक्र
रक्षा मंत्री ने कहा, "पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पागलपन नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साज़िश है। यह सभ्य आचरण के विरुद्ध एक राजनीतिक हथियार है। हमारा संघर्ष बर्बरता के विरुद्ध सभ्यता का संघर्ष है।" उन्होंने कहा, "हमने भगवान कृष्ण से सीखा है कि हम शिशुपाल की 100 गलतियाँ तो माफ़ कर सकते हैं, लेकिन उसके बाद हमें सुदर्शन चक्र उठाना होगा। आज बहुत हो गया और सुदर्शन चक्र उठा लिया गया है। हमारी प्राथमिकता शांति है और हमारी शक्ति (शांति की) नींव है।"
राजनाथ ने कहा, "मुझे सदन को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दल अपने मतभेदों को दरकिनार करके राष्ट्रहित में एकजुट रहे।"
उन्होंने कहा, "भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर कोई हमारी संप्रभुता पर हमला करता है, तो हम उसका डटकर जवाब देंगे। जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में लाहौर में नवाज़ शरीफ़ से मुलाकात की थी, तो यह शांति की एक कोशिश थी, लेकिन जब पाकिस्तान ने एक साल बाद इस शांति भंग की, तो हमने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक से जवाब दिया।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "आतंकवाद की भाषा खून और गोलियों की होती है, बातचीत की नहीं। इसका जवाब उसी तरह दिया जाना चाहिए। बातचीत आतंकवाद का जवाब नहीं हो सकती। जो लोग भारत को हज़ार ज़ख्म देने का सपना देखते हैं, उन्हें जाग जाना चाहिए। यह नरेंद्र मोदी का भारत है।"
"परीक्षा में परिणाम मायने रखते हैं"
विपक्ष द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को हुए नुकसान के बारे में राजनाथ सिंह ने कहा, "किसी भी परीक्षा में, परिणाम मायने रखता है, न कि यह कि परीक्षा के दौरान छात्र ने अपनी पेंसिल तोड़ दी। अंततः, परिणाम ही मायने रखता है और ऑपरेशन सिंदूर का नतीजा यह है कि हमने जो भी लक्ष्य निर्धारित किए थे, हमारे सशस्त्र बलों ने उन्हें हासिल कर लिया है।"