ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के साथ सोमवार को टूट सकता है संसद का गतिरोध; कुछ शर्तें लागू
प्रधानमंत्री दोनों सदनों में बहस में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जबकि सरकार की ओर से मुख्य उत्तर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देंगे;
संसद में 28 और 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर 32 घंटे लंबी चर्चा कराने के लिए केंद्र और विपक्ष के बीच एक अस्थायी समझौता हो गया है। यदि संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में तय इस प्रस्ताव पर दोनों पक्ष सहमत रहते हैं, तो यह 21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में जारी गतिरोध को (भले ही अस्थायी रूप से) समाप्त कर देगा।
केंद्र-विपक्ष में सहमति
शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन संसद की कार्यवाही ठप रहने के बाद, BAC की बैठक में केंद्र और विपक्ष इस बात पर सहमत हुए कि संसद में 28 जुलाई (लोकसभा) और 29 जुलाई (राज्यसभा) को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जाएगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "विपक्ष की मांग थी कि ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर संसद में चर्चा हो। सरकार शुरू से ही चर्चा के लिए तैयार थी, लेकिन विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा था। आज BAC की बैठक में सभी पार्टियाँ इस बात पर सहमत हुईं कि सोमवार से संसद शांतिपूर्वक चलेगी।"
उन्होंने कहा कि लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 16 घंटे चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की संभावना
हालांकि रिजिजू ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या पीएम मोदी खुद बोलेंगे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री दोनों सदनों में "हस्तक्षेप" कर सकते हैं। हालांकि मुख्य उत्तर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देंगे, जो चर्चा की शुरुआत भी करेंगे।
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित अन्य वरिष्ठ मंत्रियों और सांसदों को भी बहस में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करने के लिए तैयार कर रही है।
ऑपरेशन सिंदूर क्या था?
यह ऑपरेशन 7 और 8 मई की रात को तब शुरू किया गया जब पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में हमला कर 26 नागरिकों की हत्या कर दी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
ट्रंप के दावे पर विवाद
ऑपरेशन अचानक 11 मई को खत्म हो गया, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने "सीज़फायर समझौता" कराने की घोषणा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कर दी। यह घोषणा भारत सरकार की आधिकारिक जानकारी से पहले हुई, जिससे विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भारत हमेशा से भारत-पाक मामलों में तीसरे पक्ष की भूमिका को नकारता रहा है।
सरकार बनाम विपक्ष
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी से जवाब माँगा कि आतंकवादी हमला उनकी निगरानी में कैसे हुआ और अमेरिकी राष्ट्रपति इस संघर्ष विराम का श्रेय क्यों ले रहे हैं?
सत्र के अन्य विवाद
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को "चिकित्सकीय सलाह" के आधार पर इस्तीफा दिया, लेकिन विपक्ष ने इसे संदिग्ध करार दिया।
बिहार SIR विवाद: विपक्ष ने बिहार में चल रही वोटर लिस्ट की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) को लेकर भी सरकार से जवाब मांगा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा,“प्रधानमंत्री को संसद को जवाब देना चाहिए कि हमला कैसे हुआ और हमारी सेना को अचानक ऑपरेशन क्यों रोकना पड़ा।”
RJD सांसद प्रेमचंद गुप्ता बोले,“28-29 जुलाई को हम सहयोग करेंगे, लेकिन सरकार को SIR और अन्य अहम मुद्दों पर भी चर्चा की अनुमति देनी चाहिए। संसद केवल सरकार के एजेंडे की मुहर लगाने के लिए नहीं है, यह लोकतंत्र का मंदिर है।”
उम्मीदें और चुनौतियाँ
BAC में चर्चा के बाद सरकार को उम्मीद है कि लंबी बहस के बाद संसद सामान्य रूप से चलेगी। हालांकि विपक्ष का कहना है कि ज़िम्मेदारी सरकार की है कि वह विपक्ष को जवाबदेही के मंच पर जगह दे।