हाथरस भगदड़ काण्ड में सर्वोच्च न्यायलय में याचिका दायर

हाथरस में हुई भगदड़ की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए इस दर्दनाक घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए

Update: 2024-07-03 09:51 GMT

Hathras Stampede: हाथरस में हुई भगदड़ की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए इस दर्दनाक घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए, जिसमें विशेषज्ञ भी शामिल होने चाहिए. इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से इस बात के लिए भी आग्रह किया है कि देश के सभी राज्यों की सरकारों को ये निर्देश दिए जाने चाहिए कि अगर ऐसी कोई घटना होती है तो कम से कम चिकित्सा सुविधा तो पहले से ही इतनी बेहतर होनी चाहिए कि किसी भी घटना से निबटा जा सके.

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 2 जुलाई की घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाह आचरण के लिए अधिकारियों और अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.

याचिका में सभी राज्य सरकारों को ये निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे भगदड़ की घटनाओं से निपटने के लिए ब्लॉक/तहसील से लेकर जिला स्तर तक उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति प्रस्तुत करें.

ज्ञात रहे कि मंगलवार को हाथरस और एटा की सीमा से जुड़े एक गाँव ( हाथरस जिले ) में एक सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश महिलाएं थीं. मौत का कारण डीएम घुटना बताया गया है. हादसा इतना ह्रदय विदारक था कि शव एक-दूसरे के ऊपर पड़े हुए थे, जिसे देखते ही किसी का भी दिल सहम जाए. हाथरस की ये घटना हाल के कुछ सालों में इस तरह की सबसे भीषण घटना है.

पुलिस ने अपनी एफआईआर में दावा किया है कि हाथरस जिले के फुलराई गांव में बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित 'सत्संग' के लिए 2.5 लाख से अधिक श्रद्धालु एकत्र हुए थे. इस बाबा को साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है.

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