G-7 में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंचे पीएम मोदी, अमेरिकी समकक्ष के साथ बैठक की संभावना

जी- 7 में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली पहुंच चुके हैं. वह यहां शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

Update: 2024-06-13 16:30 GMT

PM Modi Leaves for Italy: तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली पहुंच चुके हैं. वह शुक्रवार को आउटरीच सेशन में भाग लेंगे और शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात की भी संभावना है. रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित करेगा.

इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाज़िया के लक्जरी रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहने की उम्मीद है. मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर मैं 14 जून को जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलिया क्षेत्र की यात्रा कर रहा हूं. उन्हें खुशी है कि उनके लगातार तीसरे कार्यकाल में उनकी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है. यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन और आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच बेहतर तालमेल लाने और वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा.

बता दें कि पीएम मोदी मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मेलोनी की दो भारत यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं. हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

प्रधानमंत्री द्वारा शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं. बता दें कि जी-7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इटली वर्तमान में जी-7 (ग्रुप ऑफ सेवन) की अध्यक्षता कर रहा है और उसी हैसियत से शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की अध्यक्षता में 50वें जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली की यात्रा पर रवाना हुए. तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा है. यह जी-7 साझेदारों और अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ बहुपक्षीय और द्विपक्षीय प्रारूप में बातचीत करने का अवसर है.

इतालवी अध्यक्षता का मुख्य फोकस नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की रक्षा करना रहा है. इटली के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के आक्रामक युद्ध ने उसके सिद्धांतों को कमजोर कर दिया है और अस्थिरता को बढ़ावा दिया है. इससे दुनिया भर में कई संकट उत्पन्न हो गए हैं.

बता दें कि साल 1997 से 2013 के बीच रूस को शामिल करके इस समूह का विस्तार G8 में हुआ था. हालांकि, क्रीमिया पर कब्ज़ा करने के बाद साल 2014 में रूस की भागीदारी निलंबित कर दी गई थी. समुह की परंपरा के अनुसार, शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले मेजबान देश द्वारा कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है. इसके तहत इटली ने भारत के अलावा दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि, यूरोपीय संघ जी-7 का सदस्य नहीं है, फिर भी वह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.

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