PM मोदी ने चागोस समझौते को बताया 'ऐतिहासिक', मॉरीशस को दी बधाई
भारत और मॉरीशस के बीच संबंध सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक भी हैं। चागोस समझौते की ऐतिहासिक घोषणा और नए विकासात्मक प्रोजेक्ट्स के जरिए दोनों देशों का सहयोग अब नए मुकाम की ओर बढ़ रहा है।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत और मॉरीशस केवल रणनीतिक साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं। उन्होंने कहा कि मॉरीशस, भारत की "पड़ोसी पहले" (Neighbourhood First) नीति और "विजन महासागर" (Vision Mahasagar) का एक अहम स्तंभ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह टिप्पणी मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ मुलाकात के बाद की। यह मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हुई।
ऐतिहासिक साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे गर्व है कि भारत और मॉरीशस सिर्फ साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं। मार्च में मुझे मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेने का सौभाग्य मिला था। उसी समय हमने अपने संबंधों को ‘एन्हांस्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ का दर्जा दिया था। मोदी ने यह भी कहा कि मॉरीशस को चागोस द्वीपसमूह की संप्रभुता का अधिकार मिलना एक ऐतिहासिक पल है। उन्होंने कहा कि हमने सभी द्विपक्षीय सहयोगों की समीक्षा की और वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। मैं प्रधानमंत्री रामगुलाम और मॉरीशस की जनता को चागोस समझौते के संपन्न होने पर बधाई देता हूं।
भारत ने मॉरीशस के विकास में निभाई बड़ी भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी दोहराया कि भारत ने हमेशा "औपनिवेशिक स्वतंत्रता" और मॉरीशस की पूर्ण संप्रभुता का समर्थन किया है। यह भारत के लिए गर्व की बात है कि वह मॉरीशस के विकास में एक भरोसेमंद और प्राथमिक भागीदार रहा है। आज हमने एक विशेष आर्थिक पैकेज का निर्णय लिया है, जो मॉरीशस की ज़रूरतों और प्राथमिकताओं के अनुरूप होगा। यह पैकेज बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, रोजगार के अवसर पैदा करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगा।
चागोस द्वीपसमूह पर संप्रभुता का समझौता
बता दें कि कुछ समय पहले ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच $4.6 बिलियन का एक समझौता हुआ, जिसके तहत ब्रिटेन ने चागोस द्वीपों की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने पर सहमति दी। हालांकि, डिएगो गार्सिया स्थित UK-US मिलिट्री बेस पर नियंत्रण अभी भी ब्रिटेन के पास रहेगा।
काशी और मॉरीशस के बीच आध्यात्मिक जुड़ाव
वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि काशी प्राचीन काल से भारत की सभ्यता और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक रही है। हमारी संस्कृति और परंपराएं सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुंचीं और वहां की जीवनशैली में रच-बस गईं। उन्होंने आगे कहा कि जैसे मां गंगा का प्रवाह काशी में अविरल है, वैसे ही भारतीय संस्कृति का प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध कर रहा है। मॉरीशस के दोस्तों का स्वागत काशी में केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक मिलन है।
मॉरीशस में भारत का पहला "जन औषधि केंद्र"
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरीशस में स्थापित हो चुका है। इसके साथ भारत ने मॉरीशस में 500-बेड का AYUSH सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सर सीवूसागर रामगुलाम नेशनल अस्पताल, वेटरनरी स्कूल और एनिमल हॉस्पिटल के निर्माण में सहायता देने की घोषणा की है।
मोदी ने आगे कहा कि हम चागोस मरीन प्रोटेक्टेड एरिया, SSR इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ATC टावर और हाईवे-रिंग रोड विस्तार जैसे प्रोजेक्ट्स को भी आगे बढ़ाएंगे। यह पैकेज कोई सहायता नहीं, बल्कि हमारे साझा भविष्य में निवेश है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष UPI और RuPay कार्ड मॉरीशस में लॉन्च किए गए थे और अब दोनों देश स्थानीय मुद्रा में व्यापार को बढ़ावा देने पर काम करेंगे।