'संघर्ष विराम पहले ट्रंप ने किया घोषित, सरकार क्यों खामोश?' राहुल गांधी ने पूछा सवाल

Rahul Gandhi ने कहा कि यह संघर्ष विराम सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित किया गया था. इसलिए सरकार को पारदर्शिता दिखानी चाहिए.;

Update: 2025-05-11 15:33 GMT

Operation Sindoor: पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की घोषणा के एक दिन बाद लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि देश और संसद के प्रतिनिधि पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और संघर्ष विराम पर खुलकर चर्चा करें.

राहुल गांधी ने अपने पत्र में यह भी कहा कि यह संघर्ष विराम सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित किया गया था. इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर पारदर्शिता दिखानी चाहिए.

राहुल गांधी ने आगे लिखा कि मैं फिर से विपक्ष की एकमत मांग दोहराता हूं कि संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए. यह जनता और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों के लिए इन गंभीर घटनाओं पर चर्चा करने का अवसर होगा. यह राष्ट्रीय एकता और हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता दिखाने का भी मौका है.

खड़गे ने भी उठाए सवाल

राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए इस मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल को हमने विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया था. अब जबकि संघर्ष विराम की घोषणा अमेरिका से हुई और उसके बाद भारत और पाकिस्तान ने भी पुष्टि की, ऐसे में संसद में इस पर चर्चा ज़रूरी है.

दोनों सदनों के नेता विपक्ष ने दिए पत्र

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर दोनों नेताओं के पत्र साझा करते हुए लिखा कि लोकसभा और राज्यसभा के नेता विपक्ष ने प्रधानमंत्री को विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र लिखा है.

सर्वदलीय बैठक में PM नहीं हुए शामिल

पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने दो सर्वदलीय बैठकें की थीं. लेकिन इन दोनों में प्रधानमंत्री मोदी शामिल नहीं हुए थे. इन बैठकों में विपक्ष ने आतंकी हमले के जवाब में सरकार को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया था.

अमेरिका ने की संघर्ष विराम की घोषणा

10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर लिखा कि भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम पर सहमति बन गई है. दोनों देशों को सूझबूझ और समझदारी दिखाने के लिए बधाई. इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी संघर्ष विराम की पुष्टि की और भारत-पाक नेताओं से बात करने की जानकारी दी.

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बयान में बताया कि भारतीय और पाकिस्तानी डीजीएमओ के बीच बातचीत में तय हुआ कि शनिवार शाम 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र—तीनों मोर्चों पर सैन्य कार्रवाई बंद कर दी जाएगी. 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर बातचीत होगी.

भारत की स्थिति

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ हमेशा कड़ा और स्पष्ट रुख अपनाता रहा है और आगे भी अपनाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस घटनाक्रम पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने भी सोशल मीडिया पर संघर्ष विराम की पुष्टि की और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को धन्यवाद दिया.

मध्यस्थता की पेशकश

संघर्ष विराम के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे के समाधान में मदद की पेशकश की है. भारत की नीति हमेशा यह रही है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता. भारत सरकार की प्रतिक्रिया का अब इंतजार है.

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