RSS के इस संगठन ने दी केंद्र को नसीहत, कहा- बजट में विपक्ष के वादों को लागू करे सरकार
RSS से संबद्ध एक संगठन ने भाजपा नेतृत्व को हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्षी दलों द्वारा किए गए कुछ वादों को बजट में लागू करने का सुझाव दिया है.
Bharatiya Mazdoor Sangh: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपने लगातार तीसरे कार्यकाल में अपना पहला बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध एक संगठन ने भाजपा नेतृत्व को हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्षी दलों द्वारा किए गए कुछ वादों को लागू करने का सुझाव दिया है. इनमें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, रोजगार सृजन के लिए केंद्र सरकार के लगभग 20 लाख रिक्त पदों को भरना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार और मध्यम वर्ग की मदद के लिए आठवें वेतन आयोग को लागू करना आदि वादे शामिल हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) द्वारा दिए गए सुझाव न केवल इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये मूलरूप से इंडिया ब्लॉक द्वारा प्रस्तुत किए गए थे, बल्कि इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि भाजपा नेतृत्व इन विचारों का पुरजोर विरोध करता रहा है.
पुरानी पेंशन योजना की बहाली
बीएमएस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सुझाया गया पहला विचार पुरानी पेंशन योजना को वापस लाना है. श्रम निकाय के सदस्यों ने केंद्र से देश में नौकरियों के संकट को कम करने के लिए खाली पड़े सभी 20 लाख केंद्रीय सरकारी पदों को भरने की भी मांग की है. हाल ही में हुई एक बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित मोदी सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को ये मांगें बताई गई हैं. दिलचस्प बात यह है कि ये दोनों वादे पहले कांग्रेस नेता और अब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनावों के दौरान किए थे.
बीएमएस के राष्ट्रीय महासचिव रवींद्र हिमटे ने द फेडरल को बताया कि केंद्र सरकार के साथ बैठक के दौरान हमने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का सुझाव दिया है. हमने सरकार को 20 लाख केंद्रीय सरकारी रिक्तियों को भरने का सुझाव दिया है. क्योंकि इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि जनसांख्यिकीय लाभांश को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे केंद्र को लाभ मिल सकता है.
इंडिया ब्लॉक आश्वासन
बीएमएस द्वारा उठाए गए दोनों वादे इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं. क्योंकि पिछले एक साल से कांग्रेस नेतृत्व, विशेषकर राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा, लोकसभा चुनाव और कई राज्यों के विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान लोगों से यही वादे करते रहे हैं. इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों ने भी कांग्रेस का समर्थन किया था और निर्णय लिया था कि अगर वे केन्द्र में सरकार बनाते हैं तो वे दोनों वादों को लागू करेंगे. हिमटे ने कहा कि बैठक में उपस्थित सरकारी प्रतिनिधियों ने हमारे सुझाव सुने. लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इन मांगों को लागू किया जाएगा या नहीं.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था, मनरेगा दिवस
बैठक के दौरान बीएमएस नेताओं ने केंद्र से आगामी केंद्रीय बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के हाथों में पैसा पहुंचाने के लिए आवश्यक आवंटन करने को कहा. बीएमएस ने मांग की है कि आगामी बजट में मनरेगा में कुल कार्य दिवसों की संख्या 100 दिनों से बढ़ाकर 200 दिन की जाए. हिमटे ने कहा कि हमारा सुझाव है कि मनरेगा के तहत कार्य दिवसों की संख्या बढ़ाकर 200 दिन कर दी जाए. वर्तमान में यह 100 दिन है. लेकिन हम चाहते हैं कि इसे बढ़ाया जाए, क्योंकि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बीएमएस नेतृत्व ने केंद्र सरकार को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में तेजी लाने के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में काम को मनरेगा के तहत लाने का भी सुझाव दिया. हिमटे ने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण ने बैठक की अध्यक्षता की और हमें उम्मीद है कि हमारे सुझावों को केंद्र सरकार स्वीकार करेगी. हमने सरकार से ग्रामीण विकास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, बुनियादी ढांचे के विकास और विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है. हमने नगर पालिकाओं और पंचायतों में दो दशकों से अधिक समय से काम कर रहे सभी अनुबंध श्रमिकों के नियमितीकरण का भी सुझाव दिया है.
मध्यम वर्ग तक पहुंच
बीएमएस ने केंद्र सरकार से मध्यम वर्गीय परिवारों की मदद के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया है. मध्यम वर्ग भाजपा का मुख्य मतदाता आधार है और पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय से भाजपा को वोट देता रहा है. हालांकि, साल 2024 के चुनावों में भगवा पार्टी के वोट शेयर में भारी गिरावट एक चिंताजनक संकेत है कि अगर उसे अपने मध्यम वर्ग के वोट बैंक को बरकरार रखना है तो उसे और अधिक करने की आवश्यकता है. शुरुआत में बीएमएस ने केंद्र को 8वें वेतन आयोग को लागू करने और इसके कार्यान्वयन का अध्ययन करने के लिए तत्काल एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है. बीएमएस नेतृत्व द्वारा सुझाया गया एक अन्य कदम मध्यम वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए आयकर सीमा में वृद्धि है. हिमटे ने कहा कि बीएमएस नेतृत्व ने केंद्र सरकार को युवाओं में उद्यमिता की भावना पैदा करने के लिए जिलों में केंद्र स्थापित करने का भी सुझाव दिया है.
आरएसएस खींच रहा है तार
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरएसएस का वरिष्ठ नेतृत्व लोगों को प्रभावित करने वाली समस्याओं से अवगत है और संगठन अपने संबद्ध संगठनों के माध्यम से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि लोगों को उनका हक मिल सके. लेखक और सीएसडीएस के प्रोफेसर अभय कुमार दुबे कहते हैं कि लोकसभा चुनावों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के कारण भाजपा के पीछे पड़ने के बाद आरएसएस को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का यह उपयुक्त अवसर मिल गया है. दुबे कहते हैं कि हालांकि ये मांगें केंद्रीय बजट से पहले रखी गई हैं. लेकिन मोदी सरकार अगले भाजपा अध्यक्ष के चयन के दौरान अधिक दबाव महसूस करेगी और यह एनडीए सरकार की कुछ आर्थिक नीतियों तक सीमित नहीं होगा.