हर महिला को देना चाहिए "कम से कम तीन बच्चों को जन्म" : मोहन भागवत

समाज में परिवार के महत्व पर जोर देते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जब किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे चली जाती है तो उसके विलुप्त होने का खतरा पैदा हो जाता है;

Update: 2024-12-01 15:23 GMT

RSS Chief Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (1 दिसंबर) को देश में जनसंख्या वृद्धि में गिरावट को गंभीर मुद्दा बताते हुए चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक भारतीय महिला को अपने जीवनकाल में कम से कम तीन बच्चों को जन्म देना चाहिए, ताकि देश की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) को 3 तक बढ़ाया जा सके। वर्तमान में यह दर 2.1 है, जिसे जनसांख्यिकीय स्थिरता का न्यूनतम स्तर माना जाता है।

'विलुप्ति का खतरा'

नागपुर में आयोजित 'कथले कुल सम्मेलन' में बोलते हुए, भागवत ने कहा कि यदि किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे गिरती है, तो उसके अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगता है। उन्होंने कहा, "जनसंख्या विज्ञान बताता है कि किसी समाज की आबादी में गिरावट लंबे समय में उसके विलुप्त होने का कारण बन सकती है। यह गिरावट किसी बाहरी खतरे की वजह से नहीं, बल्कि धीरे-धीरे खुद समाज के भीतर से हो सकती है।"

परिवारों की भूमिका पर जोर

भागवत ने परिवार व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि माता-पिता को बच्चों को सही मूल्यों के साथ बड़ा करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, "परिवार समाज की बुनियाद है, और जनसंख्या स्थिरता बनाए रखने के लिए इसकी संरचना का मजबूत होना जरूरी है।"

भारत में जनसंख्या परिदृश्य

भारत में हाल के दशकों में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य सुधारों के कारण हो रहा है। हालांकि, आरएसएस प्रमुख ने इसे भविष्य के लिए खतरा बताते हुए इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत पर बल दिया।

भागवत के बयान पर बहस

भागवत के इस बयान से जनसंख्या और प्रजनन दर को लेकर नई बहस शुरू हो सकती है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे जनसांख्यिकी स्थिरता के लिए जरूरी मान सकते हैं, वहीं दूसरी ओर आलोचक इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और महिलाओं के अधिकारों से जोड़कर देख सकते हैं।

भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जनसंख्या स्थिरता और आर्थिक विकास के बीच संतुलन पर चर्चा तेज हो रही है।

गिरती हुई TFR

2021 में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, भारत की टीएफआर 2.2 से घटकर 2 हो गई है, जबकि गर्भनिरोधक प्रचलन दर 54 प्रतिशत से बढ़कर 67 प्रतिशत हो गई है।

2.1 की कुल प्रजनन दर को प्रतिस्थापन दर माना जाता है, जो जनसंख्या वृद्धि में एक महत्वपूर्ण कारक है। यह मृत्यु के बाद महिला और उसके साथी के प्रतिस्थापन को सुनिश्चित करता है, जिससे संख्या में कोई समग्र वृद्धि या कमी नहीं होती है।

ओवैसी का कटाक्ष :आरएसएस सदस्यों को शादी करना शुरू कर देना चाहिए

भागवत की टिप्पणी पर टिप्पणी करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने पहले कहा था कि मुस्लिम महिलाएं अधिक बच्चे पैदा करती हैं।" उन्होंने मोदी की इस टिप्पणी का भी जिक्र किया कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह माताओं और बेटियों से प्राप्त मंगलसूत्र सहित सोना मुसलमानों में वितरित करेगी। ओवैसी ने कहा, "भागवत कहते हैं कि ज़्यादा बच्चे पैदा करो। अब आरएसएस वालों को शादी करनी चाहिए।"

(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ) 

Tags:    

Similar News